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हरियाणा के मनोनीत गवर्नर असीम घोष (81) सोमवार यानी आज यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ लेंगे। वह बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के अनुसार, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील
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असीम घोष ने नियुक्ति के बाद कहा था, ‘‘यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है और मैं पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने की कोशिश करूंगा। मैं हरियाणा के लोगों की सेवा के लिए पूरी लगन से काम करूंगा।’’
चंडीगढ़ राजभवन पहुंचने पर नए गवर्नर असीम घोष का स्वागत करते मुख्यमंत्री नायब सैनी।
20 साल से सक्रिय राजनीति से दूर हैं घोष
करीब दो दशक तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद पश्चिम बंगाल के दिग्गज भाजपा नेता असीम घोष को हाल में हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उत्तरी कोलकाता के श्री शिक्षायतन कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर घोष को पश्चिम बंगाल में भाजपा इकाई के उथल-पुथल वाले वर्षों में एक ऐसे बुद्धिजीवी के रूप में देखा जाता था, जो अनुशासन और वैचारिक स्पष्टता को महत्व देता हो।
यद्यपि उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन लगभग दो दशक पहले समाप्त हो गया, लेकिन घोष पार्टी के भीतर एक सम्मानित व्यक्ति बने रहे।
राजभवन पहुंच चुके घोष
हरियाणा के नए गवर्नर असीम घोष शनिवार को चंडीगढ़ राजभवन पहुंच गए हैं। सीएम नायब सैनी, पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने उनका चंडीगढ़ पर पहुंचने पर स्वागत किया था। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था, हरियाणा के महान लोगों के लिए कार्य करना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। मुख्यमंत्री और प्रशासन का सहयोग करूंगा, जिससे आमजन को लाभ मिल सके। यह भी मेरी जिम्मेदारी है कि विपक्ष के सुझावों को भी सुनूं।

अपनी पत्नी के साथ गवर्नर असीम घोष। फाइल फोटो।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं असीम घोष
प्रो. असीम घोष 1999 से लेकर 2002 तक पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वे मूल रूप से हावड़ा के रहने वाले हैं। घोष से पहले बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती और हरी आनंद बरारी भी बंगाल के थे।उन्होंने जून 2013 में हावड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था। यह सीट तृणमूल कांग्रेस की सांसद अंबिका बनर्जी के निधन के बाद खाली हुई थी। असीम घोष उपचुनाव हार गए थे।
वाजपेयी के चहेते थे असीम घोष
असीम कोलकाता के मनिंद्र चंद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर रहे हैं। असीम ने पश्चिम बंगाल में संघ और बीजेपी की जड़ें जमाने में अहम भूमिका निभाई है। अभी पश्चिम बंगाल में पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में रहकर घोष भाजपा की नीतियों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में मंत्री रहे तपन सिकदर असीम को राजनीति में लाए थे।वाजपेयी ने ही घोष की निपुणता को देखते हुए पश्चिम बंगाल में भाजपा की कमान सौंपी थी। पार्टी के भीतर एक बुद्धिजीवी चेहरे के रूप में घोष की पहचान है।
बंडारू दत्तात्रेय की लेंगे जगह
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और राज्य के शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विपरीत परिस्थितियों में भी राष्ट्रवाद को प्रखरता से व्यक्त करने वाले शिक्षाविद् प्रोफेसर असीम घोष के राज्यपाल बनने से प्रदेश का चंहुमुखी विकास में योगदान बढ़ेगा।
बता दें कि बंडारू दत्तात्रेय के कार्यकाल के दौरान हरियाणा में कई राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं। पूर्व भाजपा-जजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जजपा द्वारा समर्थन वापसी, मनोहर मंत्रिमंडल का इस्तीफा, नायब मंत्रिमंडल का गठन और प्रदेश में भाजपा की तीसरी बार बनी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह बंडारू दत्तात्रेय ने ही करवाया था।
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हरियाणा के नए गवर्नर का आज शपथ ग्रहण समारोह: HC के मुख्य न्यायाधीश दिलाएंगे शपथ; 19वें राज्यपाल होंगे असीम घोष, CM भी मौजूद रहेंगे – Haryana News