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-1590 फीट तक पहुंचा भाखड़ा का जलस्तर, वर्ष 2023 में बाढ़ ने मचाई थी तबाही
-ब्यास के आसपास खालों की करवाएं सफाई, बैराज भी बनाया जाए : राणा इंदर प्रताप
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब में निचले इलाकों में बाढ़ की समस्या को लेकर विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह ध्यानाकर्षक प्रस्ताव लेकर आए। उन्होंने कहा कि हर साल ही मानसून सीजन के दौरान बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।
ब्यास के आसपास खालों की सफाई करवाई जाए और साथ ही एक बैराज भी बनाया जाए जिससे बाढ़ की समस्या का स्थायी हल हो जाएगा। इस मंत्री बरिंदर गोयल ने बताया कि बाढ़ की रोकथाम के लिए 204.5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। फिलहल बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है और सरका ने हर संभावित स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। सभी बांधों का जलस्तर भी खतरे के निशान से फिलहाल कम है। उन्होंने बताया कि भाखड़ा डैम में वर्तमान स्तर 1590.48 फीट है जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 1614.89 फीट था। इसी तरह पौंग डैम में वर्तमान स्तर 1325.48 फीट है जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 1350.63 फीट था। उन्होंने बताया कि रंजीत सागर डैम में वर्तमान स्तर 505.41 मीटर है, जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 520.2 मीटर था। वर्ष 2023 में ही बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ था।
विधायक राणा इंदर प्रताप ने कहा कि छह माह पहले उन सभी जगहों चिह्नित किया गया था, जहां से बांध टूटने का खतरा था लेकिन अभी तक इन जगहों पर बांधों को मजबूत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हरिके के आसपास के एरिया में हालात अधिक खराब है। खनन के कारण और भी खतरा बढ़ता जा रहा है। मंत्री गोयल ने कहा कि वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट से यहां की स्टडी करवाई थी और केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। यह वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंदर आता है, इसलिए केंद्र की मंजूरी के बिना कुछ नहीं कर सकते हैं। बाढ़ की रोकथाम के लिए एसडीएमएफ, मनरेगा और विभागीय फंडों के उपयोग से 599 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। विभागीय मशीनरी के उपयोग से 4766 किलोमीटर से अधिक नालों और नदियों की गाद साफ की गई है। जिलों में 8.76 लाख ईसी बैग (बोरियां) खरीदी गई हैं और 2.42 लाख बोरियां भरकर रखी गई हैं। इसके अलावा मिट्टी की स्थिरता को बढ़ाने के लिए 53,400 बांस के पौधे लगाने के साथ-साथ 1044 चेक डैम, 3957 सोक पिट और 294 किलोमीटर लंबे वेटिवर घास के पौधे पूरे किए गए हैं। गोयल ने बताया कि राज्य में कंट्रोल रूम सक्रिय हैं, इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमें तैयार हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में दरियाओं और नालों की वास्तविक समय में निगरानी की जा रही है।
हरियाणा व राजस्थान ने अधिक पानी लेने से किया इन्कार : गोयल
मंत्री गोयल ने कहा कि वैसे पंजाब से पानी मांगा जाता है लेकिन जब बरसात में हालात खराब होते हैं तो पंजाब को बाढ़ का सामना करने के लिए अकेला छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और राजस्थान ने पानी लेने से इंकार कर दिया है। इस संबंध में दोनों राज्यों ने पत्र लिखा है। हरियाणा ने कहा है कि 6100 क्यूसेक से अधिक पानी नहीं ले सकते हैं, जबकि राजस्थान का कहना है कि वह दो हजार क्यूसेक से अधिक पानी नहीं ले सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराई जाए स्टडी
विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्टडी करवाई जानी चाहिए। भूजल रिचार्ज के लिए बाढ़ के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। कई देश ऐसा कर रहे हैं। केंद्र सरकार को इसकी एक रिपोर्ट तैयार करके भेजी जाए, ताकि उनका भी सहयोग लिया जा सके।
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विस सत्र: पंजाब में बाढ़ की रोकथाम के लिए 204.5 करोड़ रुपये आवंटित