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गांव भट्टू कलां स्थित खेल स्टेडियम में खराब पड़ा बास्केटबाल मैदान।
– मंदिरों में लगे हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल के जयकारे
संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहाबाद। जिलेभर में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्माष्टमी पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। घरों में पूजा स्थलों की सफाई की गई। राधा-कृष्ण की मूर्तियों को स्नान कराकर नए सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनाए गए। लड्डू गोपाल को मोर पंख के मुकुट, बांसुरी आदि से सजाने के बाद उन्हें फूलों से सजे पालने में बैठाया गया।
घरों में छोटे बच्चों को श्रीकृष्ण और राधा की वेशभूषा पहनाई गई। लोगों ने उपवास रखकर रात में भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाकर उन्हें अपने-अपने घरों में ही पालना झुलाया। इसके अलावा शहर के मुख्य रोड स्थित दुर्गा मंदिर, श्रीराम सेवा समिति धर्मशाला, शिव नगर स्थित शिव मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, ब्रह्मकुमारीज आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन को दर्शाती झांकियां प्रदर्शित की गई।
इन झांकियों का अवलोकन करने के लिए शाम 7 बजे से ही मंदिरों में भीड़ उमड़ने लगी। झांकियों को देखने का सिलसिला रात 12 बजे तक चलता रहा। रात 12 बजे के बाद केक काटकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस मनाया गया।
कारागार में जन्म से लेकर पुतला वध, गाेवर्धन पर्वत तक की झांकी दिखाई
मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के कारागार में जन्म लेने से लेकर पूतना के वध, उंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाने, माखन खाने, गोपियों के संग रास रचाने, राधा-कृष्ण के झूला झूलने सहित कई प्रकार की झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। रात भर श्रीकृष्ण भगवान पर बने भजनों पर कलाकारों की टीमें नृत्य करती रहीं। दुर्गा मंदिर के पुजारी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा का मिलन मित्रता की पराकाष्ठा को दर्शाता है। यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
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