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खुद की बदहाली पर आंसू बहा रहा है फतेहपुर बिल्लौच का बाजार, 26 गांवों की जरूरतें पूरी करता है, लेकिन खुद है बेहाल Haryana News & Updates

खुद की बदहाली पर आंसू बहा रहा है फतेहपुर बिल्लौच का बाजार, 26 गांवों की जरूरतें पूरी करता है, लेकिन खुद है बेहाल Haryana News & Updates

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Faridabad News: भारत में आज भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां न तो सार्वजनिक शौचालय है और न स्ट्रीट लाइट. ऐसी ही एक जगह है फतेहपुर बिल्लौच गांव का बाजार जो 26 गांवों के लिए एकमात्र विकल्प है, लेकिन यहां न पार्किंग है न…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • फतेहपुर बिल्लौच गांव का बाजार 26 गांवों के लिए एकमात्र विकल्प है.
  • यहां न पार्किंग है न शौचालय न स्ट्रीट लाइट और न ही सफाई का इंतजाम.
  • लोग प्रशासन से सुरक्षा सफाई, रोशनी और सुविधा की मांग कर रहे हैं.
फरीदाबाद: फतेहपुर बिल्लौच गांव का मुख्य बाजार 26 गांवों के लोगों के लिए एकमात्र विकल्प है, लेकिन इस बाजार की हालत इतनी खराब है कि यहां खरीदारी करना मुश्किल हो गया है. न पार्किंग की व्यवस्था है, न स्ट्रीट लाइटें, न सार्वजनिक शौचालय और न ही सफाई का ठीक इंतजाम.

सार्वजनिक शौचालय तक भी नहीं

Local18 की टीम जब बाजार में पहुंची तो स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने अपनी परेशानियां खुलकर साझा कीं. स्थानीय निवासी जगदीश चंद गोयल ने बताया कि यहां महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक शौचालय की है. न महिलाओं के लिए सुविधा है और न ही पुरुषों के लिए. शाम होते ही बाजार में अंधेरा छा जाता है, क्योंकि स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं.

सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं

यश मोहन सैनी ने बताया कि यहां सबसे ज्यादा परेशानी कूड़े की है. सफाई कर्मचारी कचरे में से प्लास्टिक की पन्नियां निकालकर जला देते हैं, जिससे बाजार और आसपास के घरों में धुआं फैल जाता है. छोटे बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है. कपिल गोयल ने कहा कि पार्किंग की सबसे बड़ी दिक्कत है. न तो कोई सीसीटीवी कैमरा है और न कोई चौकीदार. रात में पूरा बाजार अंधेरे में डूबा रहता है और चोरी का डर बना रहता है. बाजार में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं.

पार्किंग की कोई जगह नहीं है

दुकानदार वीरेंद्र अग्रवाल, जो हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि गांव के सरपंच ने सफाई को लेकर कुछ काम जरूर किया है, लेकिन बाजार छोटा है और पार्किंग की कोई जगह नहीं है. बारिश में तो हालत और खराब हो जाती है, पानी जमा हो जाता है.

रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाने वाले मोनू वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में बाजार में जलभराव हो जाता है. ग्राहक कम आते हैं और सफाई की हालत भी ठीक नहीं है. कचरे के ढेर लगे रहते हैं. बाजार में आवारा पशु भी खुलेआम घूमते रहते हैं, जो दुकानों के सामने रखा सामान भी नुकसान पहुंचा देते हैं. स्थानीय लोग और दुकानदार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बाजार में पार्किंग, शौचालय, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, सुरक्षा और सफाई की व्यवस्था की जाए, ताकि 26 गांवों के लोगों को इस बाजार में सुविधा और सुरक्षा मिल सके.

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न रोशनी ना रखवाली.. खुद की बदहाली पर आंसू बहा रहा है फतेहपुर बिल्लौच का बाजार

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