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राजस्थान के चूरू में प्रशिक्षण के दौरान लड़ाकू विमान जगुआर क्रैश होने से शहीद हुए रोहतक के पायलट लोकेंद्र सिंधु का शवदोपहर बाद तीन बजे रोहतक लाया जाएगा। इसके बाद देव कॉलोनी से शीला बाईपास स्थित रामबाग श्मशान में अंतिम संस्कार होगा।
पोते की यादव में दादा बलवान सिंह सिंधु ने बताया कि लोकेंद्र बेहद शांत स्वभाव का था। बचपन में उसके साथ मेले में जाता था। कभी ज्यादा पैसे खर्च नहीं किए। एक बार किसी ने उसे स्टिक मार दी। उसने कहा कि उल्टा क्यों नहीं मारा। बोला, दादा मारने से क्या हो जाता। मैं किसी के साथ झगड़ा नहीं कर सकता।
वहीं, भाई ज्ञानेंद्र सिंह सिंधु ने बताया कि लोकेंद्र पढ़ाई में तेज था। 12वीं पास करते ही एनडीए की परीक्षा पहले ही प्रयास में उर्तीण कर ली थी। 2015 में उसे कमीशन मिला था। दो दिन पहले भतीजी के जन्मदिन पर परिवार से वाट्सअप ग्रुप में खूब बात की थी। हादसे से पहले बेटे के बारे में बात की थी। लोकेंद्र एयर फोर्स में पायलट के पद पर भर्ती हुए थे। इस समय स्क्वाड्रन लीडर बन गए थे। बुधवार को जगुआर जैट से ट्रेनिंग पर निकले थे। लेकिन जेट क्रैश होने के कारण वह शहीद हो गए।
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रोहतक में तीन बजे आएगा शहीद लोकेंद्र सिंह सिंधु का शव