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संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल
Updated Mon, 26 Aug 2024 11:50 PM IST
फोटो संख्या:84- गांव खायरा में श्रीमद्भावगत कथा में कथा सुनती महिलाएं–स्रोत- आयोजक
महेंद्रगढ़। गांव खायरा के शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्म व श्रीराम की कथा सुनाई गई। कथा में मुख्य यजमान सिंटू राव रहे। कथाव्यास पंडित कुलदीप भारद्वाज ने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्रीहरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया।
त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।
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Mahendragarh-Narnaul News: श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण व श्रीराम जन्म का प्रसंग सुनाया