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हरियाणा विधानसभा के लिए जमीनः कागजों में ही है प्रस्ताव, केंद्र की अधिसूचना के इंतजार में यूटी प्रशासन Chandigarh News Updates

हरियाणा विधानसभा के लिए जमीनः कागजों में ही है प्रस्ताव, केंद्र की अधिसूचना के इंतजार में यूटी प्रशासन Chandigarh News Updates

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हरियाणा विधानसभा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


चंडीगढ़ यूटी प्रशासन ने जून 2022 में हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था। अब तक जमीन आवंटन का प्रस्ताव कागजों में ही दौड़ रहा है। 

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यूटी प्रशासन केंद्र सरकार की एक अधिसूचना के इंतजार में बैठा है, तब तक फाइल ठंडे बस्ते में है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जब तक केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) के लिए भूमि के सीमांकन पर अधिसूचना जारी नहीं करता, तब तक कोई और कदम नहीं उठाया जा सकता है।

यूटी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्रालय ने मार्च में एक मसौदा अधिसूचना जारी किया था, जिसमें पंचकूला में हरियाणा की तरफ सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के चारों ओर एक किमी से 2.035 किमी तक के क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) के रूप में चिह्नित किया गया था। हालांकि, हरियाणा सरकार ने सेंक्चुरी के चारों ओर 1,000 मीटर के क्षेत्र को ईएसजेड के रूप में चिह्नित करने का प्रस्ताव भेजा है। मंत्रालय ने मसौदा जारी कर लोगों से सुझाव भी आमंत्रित कर लिए हैं लेकिन अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है। इस वजह से सारा मामला अटका हुआ है। 

इको सेंसिटिव जोन के लिए नए नियम बनाने के बाद चंडीगढ़ की ओर से हरियाणा को मिलने वाली 10 एकड़ जमीन के ट्रांसफर होने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद हरियाणा भी चंडीगढ़ को 10 एकड़ जमीन के बदले 12 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर देगा। बता दें कि हरियाणा की ओर से रेलवे लाइट प्वाइंट के पास आईटी पार्क रोड पर लगती जमीन को फाइनल किया गया था। यहां यूटी प्रशासन के पास कुल 55 एकड़ जमीन है, जिसमें से 10 एकड़ जमीन हरियाणा को नई विधानसभा के लिए मिलेगी।

ईएसजेड से बाहर होगी जमीन, तभी लेगा चंडीगढ़

हरियाणा ने 10 एकड़ जमीन के बदले में पंचकूला के एमडीसी के सेक्टर-2 के नजदीक 12 एकड़ जमीन चंडीगढ़ को देने का ऑफर दिया है। इसे लेकर दोनों आपस में सहमत भी हो गए थे लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा के सामने शर्त रख दी कि यह जमीन ईएसजेड से बाहर होनी चाहिए, वह तभी जमीन लेंगे, क्योंकि ईएसजेड के अंदर की जमीनों पर निर्माण नहीं किया जा सकता। ऐसे में पंचकूला से मिलने वाली जमीन चंडीगढ़ के किसी काम की नहीं होगी इसलिए हरियाणा की तरफ से ईएसजेड को लेकर मंत्रालय से नोटिफिकेशन कराने की जरूरत पड़ी ताकि वह जमीन इससे बाहर हो सके। जल्द नोटिफिकेशन कराने के लिए हरियाणा की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी बात की गई है। यूटी प्रशासन के अधिकारियों को भी उम्मीद है कि ईएसजेड के लिए जल्द नोटिफिकेशन हो सकती है क्योंकि मंत्रालय ने जो सुझाव व आपत्तियां मांगी थीं, उसमें ज्यादा लोगों ने आपत्ति दर्ज नहीं की है।

2028 से पहले विधानसभा तैयार करना चाहता है हरियाणा

मौजूदा हरियाणा विधानसभा में विधायकों के पास बैठने की जगह नहीं है। इसमें 90 विधायक ही बैठ सकते हैं। यहां तक हरियाणा के हिस्से के कई कमरे भी पंजाब विधानसभा के पास हैं। 2028 में परिसीमन भी संभावित है। यदि ऐसा होता है तो विधानसभा की सीटें 126 से ज्यादा हो सकती हैं। ऐसे में विधायकों के लिए बैठना मुश्किल होगा इसलिए सरकार नई बिल्डिंग को लेकर काफी कोशिश में लगी है। 

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