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रानियां में पुलिस से नोक झोंक करते हुए किसान।
रानियां। घग्गर से निकलने वाली फ्लडी नहरों से पाइप हटाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त की गई मजिस्ट्रेट की टीम व सिंचाई विभाग के अधिकारी शनिवार को दूसरे दिन भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान फिर से किसान एकत्रित हो गए और पाइपों को नहीं हटाने दिया। इस दौरान किसानों व अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। विरोध के चलते दूसरे दिन भी प्रशासनिक टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा
गांव कर्मगढ़, शेखूपुरा, जोधपुरिया, पीर खेड़ा, चक्कां भूना के किसानों ने उपायुक्त को फ्लडी नहर के टेल तक पानी न पहुंचने की शिकायत दर्ज करवाई थी। इन गांवों के किसानों का आरोप था कि फ्लडी नहर में जो पानी आ रहा है, वह गांव की टेल तक नहीं पहुंच रहा है। एक ओर बारिश नहीं हो रही है और दूसरी ओर टेल तक पानी न आने के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। उनका कहना था कि रास्ते में अन्य किसानों ने इस नहर के पानी में बड़ी-बड़ी पाइपें लगा रखी हैं और पानी कुंओंं में स्टोर कर रहे हैं।
इसका संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करके कार्रवाई के आदेश दिए थे। शुक्रवार को भी टीम पाइपों को हटाने के लिए गई थी, लेकिन किसानों के विरोध के कारण बिना कार्रवाई के वापस लौट आई। शनिवार को भी ड़्यूटी मजिस्ट्रेट अपनी टीम व पुलिस के साथ माैके पर पहुंच गए। जेसीबी व अन्य मशीनों के साथ आई टीम को देखकर गांव झोरड़नाली व धोतड़ के किसान मौके पर एकत्रित हो गए और कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। झोरड़नाली में सिंचाई विभाग के कैनाल गार्डन व किसानों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। इसी प्रकार धोतड़ में भी किसानों के विरोध के कारण प्रशासनिक टीम कोई कदम नहीं उठा सकी। मामला बीच बचाव के कारण किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई ।
यह है मुख्य मुद्दा
शिकायतकर्ता किसानों का आरोप है कि फ्लडी नहरों में से पानी उठाने का कोई पैमाना नहीं बनाया गया है । कुछ किसान गैर कानूनी तरीके से नहर के बेड में पाइप डालकर कुएं में संगृहीत कर रहे हैं। इसके अलावा नहर से कई किलोमीटर तक 24 इंची पाइपें बिछाई गई हैं। बिजली चालित ट्यूबवेल नहर के किनारे पर लगे हुए हैं, जिससे फ्लडी पानी उठाते हैं । जोकि गैर कानूनी की श्रेणी में आते हैं।
विभागीय लापरवाही आई सामने
फ्लडी नहरों के बीच बेड में लगाई गई अवैध पाइपों की सिंचाई विभाग की ओर से समय पर निगरानी न किए जाने का नुकसान टेल पर पड़ने वाले किसानों को हो रहा है । समय रहते नहरों की निगरानी की जाती और अवैध पाइप लगाने से रोका जाता तो आज यह नौबत न आती तथा टेल तक पानी पहुंच जाता।
– हमारी टीम कार्रवाई के लिए गई थी, लेकिन किसानों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। कोई बड़ी घटना न हो इसके लिए टीम वापस आ गई। आगे इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। – सुशील सेवड़ा, ड्यूटी मजिस्ट्रेट।
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Sirsa News: फ्लडी नहरों से पाइप हटाने के लिए पहुंची टीम दूसरे दिन भी खाली हाथ लौटी