[ad_1]
चंडीगढ़ में ज्वाइंट प्रोस्पेक्टस में नहीं अनाथ बच्चों की फीस का जिक्र।
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने इस साल कॉलेजों में दाखिले के लिए अनाथ बच्चों के लिए 2 सीटें आरक्षित की हैं। हालांकि, सीट आरक्षण के बावजूद इन बच्चों की फीस माफी या आर्थिक सहायता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
.
ज्वाइंट प्रोस्पेक्टस में न तो दाखिला फीस और सेमेस्टर फीस माफ करने का जिक्र है और न ही अन्य शैक्षणिक खर्चों को लेकर कोई दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
वहीं चंडीगढ़ एनजीओ के प्रेजीडेंट तनेजा ने कहा जिन बच्चों के पास कोई आय या सहारा नहीं है, वे पढ़ाई का खर्च कैसे उठाएंगे? वर्तमान में चंडीगढ़ के दो प्रमुख चाइल्ड केयर संस्थानों- आशियाना और स्नेहालय में लगभग 150 बच्चे रह रहे हैं।
ये संस्थान 18 साल की उम्र तक इन बच्चों की देखभाल करते हैं। उसके बाद लड़कों को सेक्टर-46 के आशा किरण और लड़कियों को सेक्टर-26 के नारी निकेतन या सेक्टर-43 के सवेरा केंद्र भेजा जाता है, जहां वे अधिकतम 21 वर्ष की उम्र तक रह सकते हैं।
इसके बाद उन्हें अपनी जिम्मेदारी खुद उठानी होती है, ऐसे में यदि शिक्षा विभाग इन बच्चों की फीस का भी प्रबंध नहीं करता, तो सीट आरक्षण का कोई व्यावहारिक लाभ नहीं मिल पाएगा। अब उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा विभाग इस विषय पर जल्द स्पष्टीकरण जारी करेगा या कोई राहत नीति बनाएगा।
गोवा मॉडल हो सकता है उदाहरण
गोवा सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए विशेष ‘फीस माफी योजना’ चला रखी है, जिसमें सामान्य और तकनीकी दोनों तरह की पढ़ाई के लिए पूरी फीस माफ की जाती है। इसमें ट्यूशन, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, हॉस्टल, खाना और ट्रांसपोर्ट जैसी सभी सुविधाएं शामिल होती हैं।
चंडीगढ़ में ऐसी कोई योजना नहीं लागू
चंडीगढ़ के कॉलेजों में सामान्य छात्रों के लिए तो कई छात्रवृत्ति योजनाएं हैं, लेकिन अनाथ बच्चों के लिए अलग से कोई योजना फिलहाल सामने नहीं आई है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यदि ये छात्र आवेदन करते हैं, तो उन्हें उपलब्ध छात्रवृत्तियों से फायदा देने की कोशिश की जाएगी। लेकिन स्पष्ट निर्देश न होने से स्थिति अभी भी साफ नहीं है।
कॉलेज फीस 5 हजार से 40 हजार
चंडीगढ़ के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में कोर्स के अनुसार फीस 5 हजार रुपए से लेकर 40 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर तक है। इसके अलावा किताबों, स्टेशनरी, हॉस्टल और अन्य खर्च भी होते हैं। अनाथ बच्चों के पास ये खर्च उठाने का कोई जरिया नहीं होता।
[ad_2]
चंडीगढ़ के कॉलेजों में अनाथ बच्चों के लिए सीटें आरक्षित: लेकिन फीस माफी का जिक्र नहीं; गोवा मॉडल जैसी राहत योजना की उठी मांग – Chandigarh News
