नई दिल्ली1 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है।

सरकार ने घोषणा की है कि अब फास्टैग के लिए सालाना पास मिलेगा। इसकी कीमत ₹3,000 होगी। 15 अगस्त से ये पास मिलने लगेगा।
सरकार का दावा है कि इससे देशभर के नेशनल हाईवे के टोल पर भीड़ कम होगी और पेमेंट करना भी आसान हो जाएगा। ये पास नॉन कॉमर्शियल प्राइवेट व्हीकल्स जैसे कार, जीप, वैन के लिए है और एक साल तक या 200 ट्रिप्स तक चलेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने X पोस्ट में इसकी जानकारी दी…

सवाल 1: FASTag तो पहले से है, फिर ये पास क्यों?
जवाब: FASTag से हर बार टोल क्रॉस करने पर पैसे कटते हैं। लेकिन इस वार्षिक पास के साथ आप एक फिक्स्ड अमाउंट (₹3,000) में सालभर या 200 ट्रिप्स तक टोल फ्री घूम सकते हैं। ये उन लोगों के लिए किफायती है, जो हाईवे पर बार-बार ट्रैवल करते हैं। साथ ही, ये पास टोल सिस्टम को और ऑर्गनाइज्ड बनाएगा, जिससे सबको फायदा होगा।
सवाल 2: ये पास कैसे ले सकते हैं?
जवाब: पास लेना बहुत आसान होगा। NHAI यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे जल्द ही हाईवे ट्रैवल एप और अपनी ऑफिशियल वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक शुरू करेंगे। वहां से आप पास के लिए अप्लाई कर सकेंगे।
सवाल 3: 60 किलोमीटर वाला रूल क्या है?
जवाब: कई लोग शिकायत करते थे कि अगर उनके घर के 60 किलोमीटर के दायरे में टोल प्लाजा है, तो बार-बार टोल देना पड़ता है। खासकर जो लोग डेली या हफ्ते में कई बार उसी रास्ते से गुजरते हैं। ये सालाना पास इस प्रॉब्लम को सॉल्व करेगा। अब हर बार टोल देने की जरूरत नहीं।
सवाल 4: क्या ये पास हर टोल प्लाजा पर काम करेगा?
जवाब: हां, ये पास देशभर के नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर काम करेगा। आप दिल्ली से मुंबई जा रहे हैं या चेन्नई से बेंगलुरु, हर जगह ये FASTag पास स्कैन होगा और पेमेंट हो जाएगा। लेकिन ध्यान दें, ये सिर्फ नेशनल हाईवे के टोल पर काम करेगा, स्टेट हाईवे या लोकल टोल पर नहीं।
सवाल 5: इस पास से सरकार का क्या मकसद है?
जवाब: सरकार और NHAI का मकसद है टोल सिस्टम को और बेहतर करना। सरकार चाहती हैं-
- टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन कम हो।
- लोग डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा यूज करें।
- टोल वालों और ड्राइवर्स के बीच झगड़े खत्म हों।
- 60 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों की प्रॉब्लम सॉल्व हो।
- ओवरऑल, हाईवे ट्रैवल तेज, आसान, और स्ट्रेस-फ्री हो।
फास्टैग (FASTag) क्या है?
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक स्टिकर है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है। इसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है।
यह वाहन चालक के बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से अटैच्ड होता है। फास्टैग की मदद से टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल शुल्क का भुगतान किया जाता है। इससे समय और ईंधन (फ्यूल) की बचत होती है।

-
चांदी का भाव नए हाई पर, ₹1.10 लाख पर पहुंचा: आज 450 रुपए महंगी हुई; सोना ₹129 सस्ता हुआ, सोने का दाम इस साल 30% चढ़ा
- कॉपी लिंक
शेयर
-
सेंसेक्स 300 अंक नीचे 81,300 पर कारोबार कर रहा: निफ्टी में 100 अंक की गिरावट; मेटल, IT, मीडिया, FMCG और फार्मा शेयरों में ज्यादा बिकवाली
- कॉपी लिंक
शेयर
-
TCS की नई पॉलिसी, एम्प्लॉई ज्यादा प्रोडक्टिव बनेंगे: 225 दिन क्लाइंट प्रोजेक्ट्स पर काम करना होगा, नहीं तो नौकरी जा सकती है
- कॉपी लिंक
शेयर
-
एरिसइंफ्रा सॉल्यूशंस का IPO आज ओपन: निवेशक 20 जून तक बिडिंग कर सकेंगे, मिनिमम ₹14,874 इन्वेस्ट करने होंगे
- कॉपी लिंक
शेयर
Source: https://www.bhaskar.com/business/news/fastag-for-one-year-for-rs-3000-135260522.html