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गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए मानसून राहत लेकर आता है. आसमान से राहत की बूंद बरसने के साथ ही चेहरे खिल उठते हैं. लेकिन इस दाैरान कई बीमारियां भी दस्तक देती हैं. डाॅक्टर से कंसल्ट करने के साथ ही बीमारी को डायग्नोज करने के लिए पैथोलाॅजी जांच भी करानी पड़ती है. इसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है. आइए जानते हैं कि मानसून सीजन में पनपने वाली इन बीमारियों से कैसे बच सकते हैं…
टाइफाइड लेता है चपेट में
बारिश के सीजन में टाइफाइड के केस सामने आने लगते हैं. ये दिक्कत दूषित खाने और पानी से होती है. इसके लक्षणों में लगातार तेज बुखार आना, कमजोरी महसूस होना, पेट में दर्द और भूख न लगने के लक्षण दिखते हैं. इस दाैरान ब्लड की जांच से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है.
मलेरिया का रिस्क
ये बीमारी मच्छरों से होती है. बारिश में घर में आसपास पानी इकट्ठा हो जाता है. इसमें मलेरिया के मच्छर पनपते हैं. मलेरिया की चपेट में आने पर तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, जरूरत से ज्यादा पसीना आना और गंभीर एनीमिया आदि प्राॅब्लम देखने को मिल सकती हैं. लापरवाही बरतने पर सेरेब्रल मलेरिया हो सकता है, जो एक खतरनाक स्थिति है. इसके साथ दौरे पड़ना, किडनी फेल्योर, पीलिया और सांस से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. इस बीमारी का पता लगाने के लिए डाॅक्टर खून की जांच कराते हैं.
डेंगू का खतरा
बारिश में ये बीमारी सबसे अधिक फैलने का खतरा रहता है. एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल भारत में हजारों लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं. साल 2021 में डेंगू के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे. असल में बारिश का पानी जमा होने पर मादा एडीज मच्छर पनपता है. इस मच्छर के काटने से डेंगू होता है. ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय या सूरज ढलने से पहले काटता है. तेज बुखार के साथ बदन दर्द डेंगू के आम लक्षण हैं. इसके अलावा पसीना आना, सिर दर्द, आंखों में दर्द होना, मतली, उल्टी, कमजोरी, हल्की ब्लीडिंग और ब्लड प्रेशर कम होने जैसे लक्षण भी डेंगू के दाैरान देखने को मिल सकते हैं. डेंगू में लापरवाही खतरनाक हो सकती है. प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर ब्लीडिंग से आॅर्गन फेल्योर का जोखिम हो सकता है.
जोड़ों में दर्द यानी चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली बीमारी है, जो रुके हुए पानी में पनपते हैं. चिकनगुनिया टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण फैलता है. इसके लक्षण आमताैर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद नजर आते हैं. इसमें बुखार के साथ शरीर और जोड़ों में तेज दर्द होता है.
इन्फ्लूएंजा भी करता है परेशान
बदलते माैसम में इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ने लगते हैं. यह संक्रमण तेजी से फैलने वाला होता है. बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना, सूखी और लगातार खांसी होने जैसे लक्षण दिखते हैं.
गड़बड़ा सकता है पेट
बरसात के माैसम में हाईजीन में लापरवाही पेट के इंफेक्शन का कारण बन सकती है. इससे पेट में ऐंठन महसूस होने के साथ दस्त हो सकते हैं. डायरिया से शरीर में पानी की कमी होने का रिस्क बन जाता है.
इस तरह करें बचाव
- हाईजीन का ध्यान रखें
- दिन में नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें
- बाहर खाने से बचें
- पानी उबालकर या फिल्टर कर पीएं
- घर में आसपास बारिश का पानी इकट्ठा होने से रोकें
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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