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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Only If You Have An Understanding Of Religion, You Will Be Saved From The Technological Tsunami
पं. विजयशंकर मेहता
मनुष्य विज्ञान और तकनीकी की गिरफ्त में आ चुका है। तकनीकी सुनामी से अगर हम बच सकेंगे तो सिर्फ इसलिए कि हमारे पास धर्म और अध्यात्म की समझ होगी। रामचरितमानस के प्रसंगों को पढ़ें तो हमारे भीतर एक समझ पैदा होती है। इसी ग्रंथ में कथा के समापन पर पार्वतीजी ने शिवजी से कहा- नर सहस्र महं सुनहु पुरारी, कोउ एक होइ धर्म ब्रतधारी।
हे त्रिपुरारि सुनिए, हजारों मनुष्यों में कोई एक धर्म के व्रत काे धारण करने वाला होता है और करोड़ों धर्मात्माओं में कोई एक विषय से विमुख और वैराग्य-परायण होता है। यहां विषय से विमुख होने का यह अर्थ यह है कि विज्ञान और तकनीकी का समझ से उपयोग किया जाए।
अगर ये समझ चली गई तो वे हमारा उपयोग करने लगेंगे। कई व्यावसायिक संस्थाएं अपने से जुड़े लोगों को आने वाले समय के लिए जागरूक करती हैं। फ्यूचर शॉक, थर्ड वेव ऐसी किताबें उनको पढ़ाई जाती हैं। क्यों ना हम भी रामचरितमानस पढ़ें और इस सुनामी से अपने को बचाएं।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: धर्म की समझ होगी तो ही तकनीकी सुनामी से बचेंगे

