[ad_1]
मोहाली के गांव मुंधों संगतियां में प्रवासियों को गांव छोड़ने संबंधी पास किए प्रस्ताव के मुद्दे पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
पंजाब के मोहाली जिले में स्थित गांव मुद्दू संगतियां में कुछ समय पहले प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने संबंधी एक प्रस्ताव पास किया गया था। इस मामले की आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दाैरान सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले के निपट
.
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि, कमेटी में डीएसपी, तहसीलदार व गांव के गणमान्य लोगों को शामिल किया गया । इसके बाद अदालत ने इस याचिका का निपटारा करते हुए पंजाब सरकार व गांव पंचायत को फटकार लगाई। साथ ही कहा कि इस तरह के कामों से बचा जाए।
आपस में मिल बैठकर विवादों का निपटारा किया जाए। अगर इस तरह गांवों से प्रवासियों को निकाला जाएगा, तो फसलों को कौन काटेगा। किसान और मजदूर मिलकर काम करते हैं।
बता दें कि, एडवोकेट वैभव वत्स की ओर से कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई है। उनका कहना है कि संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद की जगह पर रहने का अधिकार देता है। इस तरह प्रवासी मजदूरों को गांव से निकालकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जो एक गंभीर मुद्दा है।
गांव के सरपंच सहमत नहीं थे
उन्होंने याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है। उनका कहना है कि यह मामला 1 अगस्त को उनके संज्ञान में आया। उन्हें पता चला कि गांव में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कहा गया है।
हालांकि, गांव के सरपंच इस पर सहमत नहीं थे। इस वजह से गांव में रह रहे प्रवासी परिवार मुश्किल में है। उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य चीजें प्रभावित हो रही हैं। लोगों को रोजगार मिलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रस्ताव पास करने को दिया था यह तर्क
गांव में जब यह प्रस्ताव पास गया तो यह तर्क दिया गया था कि प्रवासी लोगों के रहने के कारण इलाके में आपराधिक और असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। कुछ आपराधिक घटनाओं में प्रवासी लोगों को संलिप्तता पाई गई थी। ऐसे में गांव वालों ने मजबूरी प्रस्ताव पास किया गया है।
इनकी वजह से आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। गांव में किसको रहना है और किसको नहीं, इसका फैसला करना पंचायत का अधिकार क्षेत्र है। इसी कारण ग्रामीणों ने मिलकर इस तरह का फैसला लिया है।
ऐसे हुई लक्खा सिधाना की एंट्री
मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया। पुलिस ने इस मामले में पंचायत से पड़ताल शुरू की थी तो किसान आंदोलन में भाग ले चुके लक्खा सिधाना ग्रामीणों के पक्ष में पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में यह लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पंजाब की सभी पंचायतों को इस तरह का फैसला लेना चाहिए।
भंग हो चुकी पंचायत
गांव मुद्दों संगतियां समेत पूरे पंजाब में पंचायतें भंग हो चुकी हैं। क्योंकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। अभी तक चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं हुई है। हालांकि इससे यह बात साफ है कि पंचायत की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव नहीं डाला गया है।
पुलिस भी कर रही है मामले की जांच
यह मामला सामने आया था उसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की थी। उस समय डीएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया था कि गांव के मौजूदा सरपंच से बात हुई है। उनका कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है। इस मामले में जांच की रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।
[ad_2]
पंजाब सरकार को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार: मोहाली में प्रवासियों को गांव छोड़ने का हुआ था प्रस्ताव पास; ऐसे कामों से बचा जाए – Punjab News