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गांव मलोया में प्रशासन ने तोड़ी दुकाने।
चंडीगढ़ के गांव मलोया में मंगलवार सुबह प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और अवैध रूप से बनाई गई 25 दुकानों पर बुल्डोजर चला दिया। कार्रवाई के दौरान स्थानीय दुकानदारों के चेहरों पर मायूसी साफ नजर आई। कई वर्षों से कारोबार कर रहे इन दुकान
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कार्रवाई के दौरान तहसीलदार पुन्यदीप शर्मा, पुलिस स्टेशन मलोया के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। कार्रवाई से पहले पूरे मलोया गांव की बिजली सप्लाई काट दी गई ताकि किसी प्रकार का विरोध या अव्यवस्था न हो।
जेसीबी चलने के बाद टूटी हुई दुकाने।
मौके पर मौजूद दुकानदार कर्ण ने भावुक होकर बताया कि जब वह मलोया में आया था, उसके बच्चे छोटे थे। उसने यहां एक छोटी सी मीट शॉप खोली और उसी के सहारे परिवार का खर्चा, किराया और बच्चों की पढ़ाई का खर्च चला रहा था। अब दुकान टूटने के बाद उसकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

दुकानों के अंदर से सामान निकालते दुकानदार।
पहले से मिला था नोटिस
प्रशासन की ओर से बताया गया कि दुकानदारों को पहले भी कई बार नोटिस दिए जा चुके थे। हाल ही में फिर से एक नोटिस जारी कर 3 जून की अंतिम तारीख दी गई थी कि वे स्वयं अपनी दुकानों को हटा लें। लेकिन निर्धारित समय तक किसी भी दुकानदार ने अपनी दुकानें नहीं हटाईं। ऐसे में मंगलवार सुबह प्रशासन की टीम जेसीबी लेकर पहुंची और दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। दुकानदारों ने कार्रवाई के दौरान आनन-फानन में दुकान का सामान बाहर निकाला।

लोगों को पीछे हटाते पुलिसकर्मी।
कार्रवाई के बाद दुकानदारों में भारी नाराजगी देखी गई। उनका कहना था कि सिर्फ मलोया में ही अवैध निर्माण क्यों नजर आता है? शहर के अन्य हिस्सों में भी अवैध कब्जे हैं, कई जगह लोगों ने छतों पर लैंटर डालकर पक्की इमारतें बना ली हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। दुकानदारों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया और मांग की कि कार्रवाई समान रूप से होनी चाहिए।

दुकान को तोड़ती हुई जेसीबी।
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चंडीगढ़ में अवैध दुकानों पर चला प्रशासन का बुल्डोजर: 25 दुकानें तोड़ी दुकानदारों बोले – रोज़ी-रोटी छिन गई, कार्रवाई सिर्फ मलोया तक क्यों सीमित – Chandigarh News