रूस के सुरक्षा परिषद सचिव सर्गेई शोइगु ने मंगलवार को चीन के उच्च अधिकारी चेन वेनकिंग को यूक्रेन में पकड़े गए नाटो देशों के हथियार दिखाए। चेन इस समय मॉस्को में चल रही सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने आए हैं।
क्या है पूरा मामला?
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य चेन वेनकिंग रूस में 13वें अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने आए हैं। यह सम्मेलन तीन दिन का है और इसमें करीब 150 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। रूसी अधिकारी शोइगु ने चेन को एक खास प्रदर्शनी में ले जाकर बताया कि ये वे हथियार और उपकरण हैं जो पश्चिमी देश (जैसे अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली आदि) यूक्रेन को भेजते हैं। इनमें कुछ हथियार रूस ने युद्ध के दौरान कब्जे में लिए हैं और कुछ नष्ट किए हुए हथियार भी शामिल हैं।
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प्रदर्शनी में क्या-क्या दिखाया गया?
- NATO देशों के बनाए हुए हथियार, माइंस (बारूदी सुरंग), और ड्रोन।
- अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, और इटली जैसे देशों के सैन्य उपकरण।
रूसी तकनीक से बने आधुनिक ड्रोन जैसे:
- सुपरकैमएक्स4
- कुब-2-1ई
- स्काट
- गोलियथ
- काराकुर्ट-आर
- बूमरैंग क्वाडकॉप्टर
ड्रोन विरोधी तकनीक भी दिखाई गई
रूसी पक्ष ने इस दौरान चीनी प्रतिनिधिमंडल को ड्रोन रोधी हथियार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी दिखाए जो दुश्मन के ड्रोन को मार गिराने या रोकने में मदद करते हैं। इनमें ऐसे सिविलियन सिस्टम भी शामिल हैं जो किसी इमारत या जगह के ऊपर एक सुरक्षा गुंबद बना देते हैं जिससे वह स्थान ड्रोन से सुरक्षित रहता है।
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सर्गेई शोइगु ने क्या कहा?
रूस के सुरक्षा परिषद सचिव सर्गेई शोइगु ने कहा, ‘ये केवल तकनीकी अवधारणाएं नहीं हैं, बल्कि युद्ध के मैदान पर आजमाए गए हथियार हैं। हमें आधुनिक युद्ध ने यह सिखाया है कि नागरिक ठिकानों की सुरक्षा बेहद जरूरी है।’
क्यों है यह घटना अहम?
यह प्रदर्शनी रूस-चीन के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को दिखाती है। रूस यह संदेश देना चाहता है कि वह नाटो देशों के हथियारों से मुकाबला कर रहा है और उनसे सबक सीख रहा है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि रूस युद्ध में इस्तेमाल हो रही तकनीक को दिखाकर दुनिया को प्रभावित करना चाहता है।