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मंदिर के पुजारी सिद्धार्थ चटर्जी ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि उनके पूर्वजों ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उनके परदादा ने 1890 में कोलकाता से मां काली की मूर्ति लाकर यहां स्थापित की थी. उन्होंने बताया…और पढ़ें
कोलकाता से मन्दिर में मां काली की मूर्ति लाकर स्थापित की गई थी
अंबालाः हरियाणा के अंबाला जिले में स्थित प्राचीन कालीबाड़ी मंदिर के साथ लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1890 में की गई थी, जब कोलकाता से मां काली की मूर्ति लाकर यहां स्थापित की गई थी. समय के साथ इस मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा और भी बढ़ गई है, और भक्त दूर-दूर से यहां माथा टेकने आते है. नवरात्रों के दिनों में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है, जहां वे माता को चुनरी और नारियल चढ़ाते हैं.
मंदिर के पुजारी सिद्धार्थ चटर्जी ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि उनके पूर्वजों ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उनके परदादा ने 1890 में कोलकाता से मां काली की मूर्ति लाकर यहां स्थापित की थी. उन्होंने बताया कि इस मंदिर के साथ लोगों की पुरानी आस्था जुड़ी हुई है, और जब भी आसपास के लोगों के घरों में खुशी का पल आता है, तो वे यहां माथा टेकने आते हैं। नवरात्रों और शनिवार के दिनों में भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है.
श्रद्धालु प्रवीण यादव ने बताया कि वे पिछले 25 सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. उनके पूर्वज भी इस मंदिर में माथा टेकते थे, और अब वह पीढ़ी दर पीढ़ी इस परंपरा को निभा रहे है. महिला सुनीता ने बताया कि वह पिछले 6 सालों से इस मंदिर में हर रोज आ रही हैं, और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुई है. महिला हिमानी ने कहा कि शादी के बाद से वह इस मंदिर में आ रही हैं, और माता रानी ने उनकी सभी इच्छाएं पूरी की है.

उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज कहते थे कि जब माता रानी की मूर्ति पाकिस्तान ले जाई जा रही थी, तब इसी स्थान पर मूर्ति रह गई थी. इसके बाद यहां मूर्ति की स्थापना की गई और तब से भक्तों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था जुड़ी हुई है.
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