हरियाणा में सरकारी नौकरियों और युवाओं के भविष्य को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य की भ्रूण में हत्या कर दी। सुरजेवाला ने कहा कि 2019 में बीजेपी सरकार ने आर्थिक आधार पर नौकरियों में अतिरिक्त अंक देने की नीति लागू की थी। साथ ही, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) की अवधारणा को भी शुरू किया गया। हालांकि, हाई कोर्ट ने सोशियो-इकोनॉमिक अंकों की अधिसूचना को खारिज कर दिया, जिसके कारण 30 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। कोर्ट ने सरकार को तीन महीने में नई मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
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नई मेरिट सूची का प्रभाव
नई मेरिट सूची में सोशियो-इकोनॉमिक अंक हटने से कई कर्मचारी ‘एडहॉक’ हो जाएंगे। इन कर्मचारियों को भत्तों का लाभ नहीं मिलेगा और जब तक नियमित पद सृजित नहीं होंगे, उनकी सेवाएं स्थायी नहीं होंगी। सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करेगी।
सरकार की चुप्पी और सुप्रीम कोर्ट की बात
सुरजेवाला ने कहा कि कोर्ट के फैसले के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद सरकार ने कोई बयान नहीं दिया। सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कर रही है, लेकिन सुरजेवाला ने पूछा कि सरकार युवाओं को अदालती पचड़े में क्यों डाल रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार नए पद सृजित कर इस संकट का समाधान कर सकती है।
HKRN कर्मचारियों पर असर
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी ने साल 2024 में 50 हजार युवाओं को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब इन कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने बीते 10 सालों में ‘पर्ची-खर्ची’ के नाम पर युवाओं का भविष्य बर्बाद किया।
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Haryana: युवाओं के भविष्य की भ्रूण में कर दी हत्या, भाजपा पर भड़के सुरजेवाला, कहा- हटाए जा रहे कर्मचारी