[ad_1]
अटेला कलां के मंडालिया धाम पर 41 दिन की खड़ी तपस्या कर रहे महंत मुकेश उर्फ मुख्तानाथ (52) की मौत हो गई। वो नौसवां गांव के रहने वाले थे और तपस्या के 21 दिन पूरे कर चुके थे। पुलिस ने दादरी नागरिक अस्पताल में मृतक महंत का पोस्टमार्टम कराया।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी अनुसार मुख्तानाथ करीब तीन साल पहले महंत बने थे। वो पिछले दो साल से अटेला कलां स्थित मंडालिया धाम पर रह रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी 42 दिन की खड़ी तपस्या 10 जून को पूरी होनी थी। महंत तपस्या के 21 दिन पूरे कर चुके थे और मंगलवार को उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि महंत के अचेत होने पर सूचना डायल 112 को दी गई। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। फिर महंत के शव को दादरी नागरिक अस्पताल लाया गया और बुधवार को महंत मुख्तानाथ का पोस्टमार्टम कराया गया।
परिवार रहता है नौसवां में
महंत बनने से मुकेश कुमार उर्फ मुख्तानाथ गृहस्थ जीव जीते थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है। इससे पहले भी मुख्तानाथ एक बार 41 दिन की खड़ी तपस्या कर चुके थे और उस दौरान मौन व्रत भी किया था।
अधिकारी के अनुसार
मृतक के बेटे मोनू के बयान पुलिस ने दर्ज किए और दादरी नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में इत्तफाकिया मौत संबंधी कार्रवाई की गई है। -कुलदीप सिंह, जांच अधिकारी एवं हेड कांस्टेबल, अटेला कलां चौकी।
[ad_2]
दादरी में धाम पर खड़ी तपस्या कर रहे महंत की मौत, 41 दिन की तपस्या के 21 दिन हो चुके थे पूरे