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लखनऊ में पेंचक सिलाट खेलने आए J&K के खिलाड़ी: बोले- सरकार और SAI के सपोर्ट से करियर को मिल रही उड़ान, स्पोर्ट्स में मौके मिले – Lucknow News Today Sports News

लखनऊ में पेंचक सिलाट खेलने आए J&K के खिलाड़ी:  बोले- सरकार और SAI के सपोर्ट से करियर को मिल रही उड़ान, स्पोर्ट्स में मौके मिले – Lucknow News Today Sports News

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भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान बॉर्डर के प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर (J&K) सबसे खतरे में रहता है। हालिया हालातों के बीच जहां एक तरफ लोग सोशल मीडिया पर उकसाऊ बातें कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ J&K के कई खिलाड़ी लखनऊ में करियर को पंख लगा रहे हैं।

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लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में इस समय पेंचक सिलाट की राष्ट्रीय चैंपियनशिप खेली जा रही है। यहां देशभर से सैकड़ों बच्चे जुटे हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी भी हैं। दैनिक भास्कर ने इन खिलाड़ियों से बात कर जानना चाहा कि वे ऐसे तनावों को छोड़ कैसे करियर पर फोकस कर रहे हैं।

लखनऊ में चल रही पेंचक सिलाट चैंपियनशिप का एक सीन।

खिलाड़ियों ने दैनिक भास्कर को बताया- सरकार जम्मू-कश्मीर में खेल के लिए ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है। इससे खिलाड़ियों के लिए अवसर तैयार हो रहे हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) हमारी ग्रूमिंग के लिए लगातार काम कर रही है। खिलाड़ियों ने और क्या कहा… पढ़िए

SAI ने खेल के नए मौके दिए

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की मल्कीस मकबूर ने बताया- पेंचक सिलाट की इंटरनेशनल खिलाड़ी हूं। 2016 से खेलना शुरू किया था। मेरी जर्नी स्कूल से शुरू हुई। इसके बाद बड़गाम में SAI के सेंटर में पेंचक के पेच सीखने के मौके मिले। जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल और SAI ने खेल के नए मौके दिए हैं।

सरकार से सपोर्ट मिला तो करियर को मिली उड़ान

जम्मू केकमलजीत मोगरस ने बताया- 2019 में पेंचक सिलाट खेलना शुरू किया था। आज इंटरनेशल प्लेयर हूं। यूनिवर्सिटी लेवल पर भी गोल्ड मेडल मिला है। जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल हमें बेहतर मौके दे रही है। इसी कारण इस स्पोर्ट में करियर भी बन रहा है।

जम्मू कश्मीर की फरजाना फैयाज ने कहा कि 2016 से स्पोर्ट्स की जर्नी शुरू की थी। स्कूल में ही खेल सिखाया जाता था। इससे नौकरी के मौके भी बन रहे हैं। हम सभी खेल में नई उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।

फेडरेशन के अध्यक्ष बोले- देशभर से 800 बच्चे लखनऊ आए

इंडियन पेंचक सिलाट फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर ऐवले ने कहा- यह इंडोनेशियन मार्शल आर्ट है। यह खेल मंत्रालय से रिकोग्नाइज्ड है। लखनऊ में आयोजित हुए चैंपियनशिप में देश के सभी राज्यों से खिलाड़ी पहुंचे हुए हैं। 800 बच्चों ने प्रतिभाग किया है। ये गेम पांच तरह से खेला जाता है। फाइट इवेंट कॉम्बैट के नाम से जाना जाता है। बाकी के चार आर्टिस्टिक इवेंट है। इसमें तुंगल और सोलो इवेंट है। इसके साथ ही टीम इवेंट में गांडा और रेकू है।

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