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फोटो: 21रेवाड़ी। बाघ को पकड़ने के लिए लाया गया पिंजरा। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
बावल। सरिस्का से गांव झाबुआ के जंगल में पहुंचे बाघ की पहली तस्वीर सोमवार को सामने आई है। बाघ 2 दिन से मोर एवं चिंकारा प्रजनन केंद्र से मात्र 300 मीटर की दूरी पर छुपा हुआ है। पूरा जंगल 750 एकड़ में बना हुआ है। फोटो सुबह के समय वन विभाग के ट्रैप कैमरों द्वारा ली गई है। वन दरअसल, वन विभाग की टीम ने जंगल में 10 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। यह ट्रैप कैमरे किसी भी प्रकार की मूवमेंट को तुरंत कैद कर लेते हैं। जैसे ही बाघ गुजरा ट्रैप कैमरों की नजर पड़ी और तुरंत फोटो खींच ली। दूसरी तरफ वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी तैयार किया हुआ है। सरिस्का से 20 और रेवाड़ी वन विभाग से करीब 15 कर्मचारी बाघ को पकड़ने में जुटे हुए हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ को पकड़ने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन लगाया जाएगा। बेहोशी का इंजेक्शन लगने के बाद बाघ को आसानी से पकड़ा जा सकता है। हालांकि, समस्या यही है की बाघ रात के समय या अलसुबह ही मूवमेंट करता है। दिन के समय में वह एक जगह पर बैठ जाता है, जिससे यह पता ही नहीं चल पाता है कि आखिर बाघ किस जगह पर अभी मौजूद है।
गांव झाबुआ के जंगल में छुपा बाघ, अब स्थिति हुई साफ
इस पूरे मामले में अब इतना तो साफ हो चुका है कि बाघ गांव झाबुआ के जंगल में छुपा हुआ है। ऐसे में बाघ को पकड़ने में वन विभाग की टीम को भी काफी आसानी होगी। इससे पहले केवल गांव झाबुआ में बाघ के पंजों के निशान ही मिले थे और यह नहीं पता चल पा रहा था कि बाघ आखिर किस दिशा की ओर गया हुआ है और कितनी दूरी पर है। वन विभाग की टीम भी लगातार बाघ को पकड़ने के लिए योजना बना रही है। उच्च अधिकारी मामले में नजर बनाए हुए हैं।
20 से 25 किलोमीटर चल सकता है बाघ
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस घने जंगल में बाघ के लिए काफी शिकार है। बाघ 20 से 25 किलोमीटर चल सकता है। रात में अगर बाघ कोई मूवमेंट भी करता है तो वह ज्यादा दूरी तक नहीं जाएगा। बाघ रात के समय में ही शिकार के लिए निकलता रहता है। टीम ने लोगों से भी अपील की है कि खेतों में अभी ना जाएं। जब तक बाघ नहीं पकड़ा जाता, तब तक स्थिति इसी प्रकार से बनी रहेगी। गौरतलब है कि 7 महीने पहले भी ये टाइगर सरिस्का के जंगल से निकलकर रेवाड़ी तक चला गया था। उस समय हरियाणा बॉर्डर के आस-पास गांव में वनकर्मियों पर हमला कर दिया था, जिसमें एक वनकर्मी को टाइगर ने दबोच लिया था, लेकिन वह बच गया था। इस बार खैरथल-तिजारा जिले में वीरवार को 6 घंटे में 4 लोगों पर बाघ ने हमला किया था।
वर्जन:
सरिस्का और रेवाड़ी वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए जुटी हुई है। फिलहाल टीम पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। उम्मीद है बाघ को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
शंकर सिंह, वन अधिकारी, सरिस्का रेंज
सोमवार सुबह के समय ट्रैप कमरे में बाघ की फोटो सामने आई है। बाघ मोर एवं चिंकारा प्रजनन केंद्र से मात्र 300 मीटर की दूरी पर छुपा हुआ है। पूरा जंगल 750 एकड़ में बना हुआ है।
प्रेम कुमार, वन रेंज अधिकारी, बावल
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Rewari News: कैमरे में दिखा बाघ, वन विभाग ने तैयार किया पिंजरा