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Ambala Shiva temple Story: अंबाला के राम बाग मैदान के पास स्थित 500 साल पुराने शिव मंदिर में बाबा किशनपुरी जी महाराज ने समाधि ली थी. पुजारी सुरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं …और पढ़ें
अंबाला का प्राचीन शिव मंदिर
हाइलाइट्स
- अंबाला का शिव मंदिर 500 साल पुराना है.
- बाबा किशनपुरी जी ने भक्त के प्राण बचाने के लिए समाधि ली.
- शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अंबाला. हरियाणा के अंबाला जिले में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है. अंबाला शहर के राम बाग मैदान के पास स्थित इस मंदिर की मान्यता है कि यहां बाबा किशनपुरी जी महाराज ने अपने भक्त के प्राण बचाने के लिए समाधि ली थी. लगभग 500 साल पहले बाबा किशनपुरी जी महाराज इस स्थान पर तपस्या करते थे और रोजाना कई भक्त उनसे आशीर्वाद लेने आते थे.
एक दिन बाबा का एक भक्त उनसे मिलने नहीं आया. बाबा ने संगत से पूछा कि वह भक्त क्यों नहीं आया. संगत ने बताया कि उस भक्त के बेटे की मृत्यु हो गई है. बाबा ने उस लड़के को बुलाकर अभिमंत्रित जल उसके ऊपर डाला, जिससे वह लड़का जीवित हो गया. उसी रात बाबा को आकाशवाणी हुई और उन्होंने समाधि लेने का निर्णय लिया. बाबा ने चारों तरफ दीवारें बनवाकर समाधि ली और तब से इस स्थान पर शिवलिंग स्थापित है. लोग यहां माथा टेकने आते हैं और लोग शिव चालीसा का पाठ करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लोगों का मानना है कि यहां आज भी चमत्कार होते हैं.
500 साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी सुरेश कुमार शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि वे पिछले 40 साल से इस मंदिर में पूजा कर रहे हैं. रोजाना दूर-दूर से लोग यहां माथा टेकने आते हैं. उन्होंने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से शिव चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह मंदिर 500 साल से भी ज्यादा पुराना है और पहले यहां बाबा किशनपुरी जी महाराज की कुटिया थी. बाबा दिन-रात भगवान शिव की पूजा और तपस्या करते थे.
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