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Faridabad News: फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी, वार्ड 11 के लोग 25-30 वर्षों से नारकीय हालात में जी रहे हैं। यहां पीने का पानी गंदा है, जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं, और बदबू से जीवन दूभर हो गया है. नेता आते हैं, वादे…और पढ़ें
डबुआ कॉलोनी में 30 साल से नारकीय हालात.
हाइलाइट्स
- डबुआ कॉलोनी में 30 साल से नारकीय हालात.
- साफ पानी, नाली और पक्की सड़क की मांग.
- गंदे पानी से बीमारियों का खतरा बढ़ा.
फरीदाबाद. फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी वार्ड नंबर 11 गली नंबर 4 में रहने वाले लोग पिछले कई वर्षों से नारकीय हालात में जी रहे हैं. यहां लोगों को पीने का साफ पानी तक नसीब नहीं है. जो पानी आता है वह इतना गंदा और बदबूदार होता है कि उसका इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता. घरों के अंदर तक बदबू फैली रहती है. लोग ठीक से खाना भी नहीं खा पाते.
गंदा पानी बन गया है जानलेवा
स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. घरों से निकलने वाला गंदा पानी एक खाली प्लॉट में जमा हो जाता है. यह प्लॉट अब बदबूदार पोखर में तब्दील हो चुका है. इस गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. लोगों के अनुसार, पिछले साल इसी गंदगी के कारण एक युवक की जान चली गई थी.
25 साल से गंदगी में जी रहे लोग
गली में रहने वाली मानसी शर्मा ने बताया कि उन्हें यहां रहते हुए 25 साल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में न गली बनी न ही पानी निकासी की कोई व्यवस्था हुई. बारिश में हालत और बिगड़ जाते हैं. पानी घरों में घुस आता है. कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
नेता आते हैं, वादे करते हैं और चले जाते हैं
स्थानीय निवासी शमीम ने बताया कि वे भी 25 साल से इसी गली में रह रहे हैं. चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं. बड़े-बड़े वादे करते हैं, नारियल फोड़ते हैं और फिर जीतकर भूल जाते हैं. रात में बदबू के कारण नींद नहीं आती. कई बार तो मरे हुए जानवर तक यहां फेंक दिए जाते हैं.
हर चुनाव में दोहराई जाती है वही कहानी
गीता देवी और हेमलता जैसी अन्य महिलाएं भी वर्षों से इन्हीं हालात में जी रही हैं. हेमलता ने बताया कि उन्हें यहां रहते हुए 20 साल हो गए हैं. हर चुनाव में नेता आते हैं, वादे करते हैं लेकिन काम कोई नहीं करता.
किसी ने नहीं ली सुध
पिछले 15 साल से इसी गली में रह रहे राधेश्याम ने भी नेताओं पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि कई बार मांग उठाई गई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. लोगों की एक ही मांग है – साफ पानी, पक्की सड़क और गंदगी से मुक्ति. लेकिन अफसोस की बात है कि पिछले 30 सालों में किसी ने भी इनकी सुध नहीं ली.
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