[ad_1]
पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी वारदात की पूरे देश में निंदा हो रही है। मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर, उनसे धर्म पूछकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इस आतंकी घटना में अब तक करीब 26 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में लोग घायल भी हैं। अब इस आतंकी घटना से जुड़ी एक रूह कंपा देने वाली कहानी सामने आई है। यहां एक शख्स को मारते वक्त आतंकियों ने शख्स को कलमा पढ़ने को कहा। ऐसा न करने पर आतंकियों सिर और शरीर में तीन गोलियां मारी।
सिर कान और पीठ में मारी गोली
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पुणे के एक व्यवसायी संतोष जगदाले को भी गोली मारी गई है। उनकी बेटी ने इस खौफनाक वारदात का दर्द बयां किया है। व्यवसायी की बेटी ने बताया कि उनका परिवार डर के मारे एक तंबू के अंदर छिपा हुआ था। तभी आतंकियों ने संतोष जगदाले से बाहर आकर कलमा पढ़ने को कहा। जब वह ऐसा नहीं कर सके, तो आतंकियों ने उन्हें तीन गोली- एक सिर में, एक कान के पीछे और एक पीठ में मारी। आतंकियों ने बगल में लेटे उनके भाई पर भी हमला किया और उनके पीठ में कई बार गोली मारी।
पिता और चाचा को मारी गई गोली
PTI को दी गई जानकारी में मृतक की बेटी असावरी ने बताया- जब गोलीबारी शुरू हुई तब हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हम 5 लोग थे जिनमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। वह, उसकी माँ और एक अन्य महिला रिश्तेदार बच गईं और सुरक्षाबलों ने उन्हें पहलगाम क्लब में पहुँचाया। असावरी ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनके पिता और चाचा इस हमले में बचे हैं या उनका निधन हो गया।

आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा
मृतक की बेटी ने बताया कि पहाड़ी से उतरते हुए आतंकियों ने पुलिस के जैसे कपड़े पहने हुए थे। उन्हें देखते ही सभी तंबू में भाग गए। यहां 6-7 अन्य पर्यटक भी पहुंचे। सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए। लोग यही समझ रहे थे कि आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच गोलीबारी चल रही है। आतंकवादियों का समूह पहले पास के एक तंबू में आया और गोलीबारी शुरू की। इसके बाद फिर वो इस तंबू में आए और संतोष जगदाले से बाहर आने को कहा। असावरी के मुताबिक, आतंकियों ने उनके पिता से एक इस्लामी आयत (शायद कलमा) पढ़ने के लिए कहा। जब वह ऐसा नहीं कर सके तो आतंकियों ने उन्हें तीन गोलियां मार दीं। असावरी के चाचा को आतंकियों ने चार से पांच गोलियां मारी। मौके पर मौजूद कई अन्य पुरुषों को भी गोली मारी गई। हमले के दौरान घटनास्थल पर मदद के लिए कोई पुलिस या सेना नहीं थी। सभी करीब 20 मिनट बाद पहुंचे। (इनपुट: भाषा)

[ad_2]
‘आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा, फिर मारी 3 गोली’, पहलगाम की रूह कंपा देने वाली कहानी – India TV Hindi