[ad_1]
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (L) चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (R)
हांगकांग: चीन और अमेरिका के बीच संबंधों में तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। चीन की तरफ से सोमवार को ऐलान किया कि वह उन अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों और गैर सरकारी संस्थाओं (NGO) के प्रमुखों पर प्रतिबंध लगाएगा जिन्होंने हांगकांग से जुड़े मामलों में भूमिका ठीक से नहीं निभाई है। यह फैसला अमेरिका की ओर से मार्च में छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में लिया गया है। अमेरिका ने इन अधिकारियों पर “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन” और हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने के आरोप लगाए थे। इनमें न्याय मंत्री पॉल लैम, सुरक्षा निदेशक डोंग जिंगवेई और पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ शामिल हैं।
चीन ने की तल्ख टिप्पणी
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने अमेरिका की जमकर आलोचना की है। जियाकुन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए अमेरिका के कदम को घृणित तक बताया है। उन्होंने कहा कि यह हांगकांग के मामलों में गंभीर हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि हांगकांग, चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी बाहरी दखल का चीन सख्ती से जवाब देगा।
चरम पर है अमेरिका और चीन के बीच तनाव
गुओ जियाकुन ने बताया कि यह कार्रवाई चीन के ‘विदेश रोधी प्रतिबंध कानून’ के तहत की जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन अमेरिकी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। यह ताजा विवाद ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव पहले से ही चरम पर है। चीन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी है कि वो अमेरिका से ऐसे व्यापारिक समझौते ना करें जो चीन के हितों के खिलाफ हों। (एपी)
यह भी पढ़ें:

मंगल ग्रह पर मिली रहस्यमयी खोपड़ी जैसी चट्टान, NASA के वैज्ञानिक भी हो गए हैरान
सवालों के घेरे में अमेरिका के बड़े हवाई अड्डों की सुरक्षा, ड्रोन बन रहे हैं खतरा
[ad_2]
चीन और अमेरिका के बीच अब इस मसले पर बढ़ी तनातनी, बीजिंग उठाने जा रहा है बड़ा कदम – India TV Hindi