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भारत और पाकिस्तान के कई शहर इस वक्त भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान के मौसम विभाग के मुताबिक 14-18 अप्रैल के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका है।
बलूचिस्तान प्रांत में तो अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। बता दें कि तापमान के 50 डिग्री पहुंचने से इंसान को गंभीर खतरा हो सकता है, क्योंकि इतना तापमान सहना आम इंसानी शरीर के लिए काफी मुश्किल होता है।
बलूचिस्तान के डेरा मुराद जमाली शहर में रहने वाले अयूब खोसा ने CNN को बताया कि इस बार गर्मी से लोग बेहाल हैं। यहां दिन में 16 घंटे बिजली कटौती हो रही है, इस वजह से गर्मी काटना और भी मुश्किल हो गया है।

भारत-पाकिस्तान में समय से पहले चल रही हैं हीट वेव्स भारत में भी गर्मी से लोगों के हाल बेहाल हैं। मौसम विभाग ने देश के कुछ हिस्सों में लोगों को सामान्य से अधिक गर्म दिनों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
राजधानी दिल्ली में इस महीने में तापमान तीन बार 40 डिग्री पार कर चुका है, जो सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया। आम तौर पर दोनों देशों में मई और जून में हीट वेव्स चलती हैं, लेकिन इस साल हीट वेव्स का मौसम समय से पहले आ गया है और इसके लंबे समय तक चलने की आशंका है।
थार महिला संस्थान की अनीता सोनी ने बताया कि इस साल गर्मी पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा है। जब मजदूर या किसान बाहर निकलते हैं, तो तुरंत डिहाइड्रेशन होने लगता है, लोगों को अक्सर उल्टी जैसा महसूस होता है, वे बीमार पड़ जाते हैं या उन्हें चक्कर आने लगता है।
किसान बालू लाल ने बताया कि इस गर्मी में काम करने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। जब मैं बाहर निकलता हूं तो मुझे लगता है कि लोग गर्मी से जल जाएंगे। हमें कमाई की भी चिंता है, हमारे पास जाने के लिए और कोई जगह नहीं है।
2050 तक भारत में इंसानी क्षमता से परे होगा तापमान एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल के दशकों में भारत और पाकिस्तान में बहुत तेज गर्मी की वजह से हजारों लोग मारे गए हैं। जलवायु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 2050 तक भारत में तापमान इंसानी शरीर की क्षमताओं को पार कर जाएगा।

हीट वेव्स से प्रेग्नेंट महिलाओं और अजन्मे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। तेजी गर्मी की वजह से गर्भावस्था में अचानक कमी और समय से पहले बच्चे पैदा होने की समस्या होती है।”
गर्मियों में, 80% बच्चे मौसम की वजह से श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ समय से पहले पैदा होते हैं। हम प्रेग्नेंसी के वक्त हाई ब्लड प्रेशर में भी बढ़ोतरी भी देखते हैं, जिससे प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक तेज गर्मी की वजह से भोजन की कमी और सूखे से लेकर बर्फ पिघलने से अचानक बाढ़ तक के खतरे हो सकते हैं। ज्यादा तापमान की वजह से फसलें समय से पहले पकने लगती हैं और उपज घट जाती है।
तेज गर्मी की वजह से फसल चक्र गड़बड़ा रहा
पर्यावरण कार्यकर्ता तोफिक पाशा के मुताबिक बहुत ज्यादा टेम्प्रेचर की वजह फल और फूल समय पर नहीं खिलते हैं या फिर गिर जाते हैं। कीटों का हमला होता है, वे फसल को नष्ट कर देते हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा गर्मी की वजह से फसल चक्र गड़बड़ा जाता है और फसल उत्पादन बहुत कम होता है।
पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में हीट वेव्स की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई थी, जिससे कोयले की कमी हो गई थी और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा था। एनर्जी बचाने के लिए ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं और स्कूलों को जबरन बंद कर दिया गया था, जिससे पढ़ाई का नुकसान हुआ था।
2024 में गर्मी से 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई 2024 में जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर में भीषण गर्मी के दिनों में 41 दिन की बढ़ोत्तरी हुई थी। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन की प्रमुख डॉ. फ्रेडरिके ऑटो का कहना था कि 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा था। इस दौरान करीब 3700 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
उन्होंने बताया था कि दुनियाभर में लाखों लोगों को गर्मी और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण विस्थापित होना पड़ा था। जलवायु परिवर्तन के चलते बाढ़, तूफान और सूखे की समस्या से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।

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पाकिस्तान में तापमान 49% डिग्री तक पहुंच सकता है: 50 डिग्री पर जान का खतरा; समय से पहले चल रही हीट वेव्स