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- N. Raghuraman’s Column The Best Minds Can Solve Daily Problems With Emotional Issues
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरू
आमतौर पर, एक अच्छा दिमाग उन समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है जो दिखाई देती हैं। पर बेहतरीन दिमाग उन समस्याओं को भी देखता है जो अनदेखी अनकही होती हैं। यहां दो विभिन्न समाधान हैं जो बुद्धिमान दिमाग ने पेश किए हैं।
पहली कहानी : गूगल ट्रैफिक डेटा के जरिए कम भीड़भाड़ वाले रास्ते सुझाता है। लेकिन अब तक ऐसा कोई ऐप नहीं है जो आपको गड्डों, स्पीड ब्रेकर और वायु प्रदूषण के स्तर के बारे में रियलटाइम जानकारी दे सके और कोई अलग रास्ता सुझा सके। आईआईटी मद्रास के ‘काटरू’ रिसर्च ग्रुप ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने IoT और डेटा साइंस आधारित तकनीक विकसित की है। फिलहाल, इसका परीक्षण गुरुग्राम में 80 और चेन्नई में 15 स्थानों पर किया जा रहा है। यह मोबाइल डिवाइस गारबेज ट्रकों और दोपहिया वाहनों के साइड-व्यू मिरर में लगाया गया है।
यह कैसे काम करता है? काटरू एक छोटा डिवाइस है जो सेंसर की मदद से पार्टिकुलेट मैटर, गैस, तापमान और आर्द्रता को मापता है। इसमें एक इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट और वाहन डायग्नोस्टिक डिवाइस भी है, जो सड़क की स्थिति जानने के लिए एक्सेलेरेशन, मोशन और वाइब्रेशन का डेटा देता है। यह रियल-टाइम डेटा सर्वर पर भेजा जाता है, जहां डेटा साइंस मॉडल इसका विश्लेषण करता है और बेहतर या वैकल्पिक रूट सुझाता है।
इंस्टॉल कैसे करें ? बाइक राइडर्स इसे साइड-व्यू मिरर पर लगा सकते हैं, जबकि कार यूजर्स इसे कार के ऊपर एक छोटे मोबाइल डिवाइस के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं और इसे एक विशेष मोबाइल ऐप से लिंक कर सकते हैं। समय के साथ, यह कैब एग्रीगेटर्स को राइड क्वालिटी और ट्रैवल टाइम को ऑप्टिमाइज करके प्रीमियम राइड्स ऑफर करने में सक्षम बनाएगा। यह आगमन के संभावित समय का आकलन, ड्राइवर की प्रोफाइल और वाहन की स्थिति को ग्राहक की प्राथमिकताओं के साथ समायोजित करने के साथ होगा।
दूसरी कहानी : चेन्नई की विशेष महिला जेल में कैदियों के रिश्तेदार जब उनसे मिलने आते हैं, तो ये महिला कैदी हमेशा तरोताजा नजर आती हैं, मानो ब्यूटीपार्लर से आई हों। और वे सही भी हैं। क्योंकि पिछले जून में तमिलनाडु के जेल महानिदेशक महेश्वर दयाल ने एक छोटे से कमरे को पूरी तरह से सुसज्जित ब्यूटीशियन ट्रेनिंग सेंटर और पार्लर में बदलने का निर्णय लिया। पहले इस कमरे में केवल एक कंघी, पुराने ट्रिमर और पानी का स्प्रे था। इस फैसिलिटी के उद्घाटन के बाद से यहां थ्रेडिंग, वैक्सिंग, फेशियल, मैनीक्योर, पेडीक्योर, हेयर कलरिंग, हेयरस्टाइलिंग, मेकअप और हेयर वॉश जैसी सेवाएं मुफ्त में दी जा रही हैं।
पहले कैदी अपनी नाराजगी जताने के लिए दिनभर जेल की सलाखों पर थाली बजाते थे, खासकर जब दयाल आते थे। एक बार जब उन्होंने इस शोर का कारण पूछा, तो एक महिला कैदी ने कहा कि वह अपने बाल रंगना चाहती है। महिलाओं के नजरिए से यह मांग जायज लगी, इसलिए उन्होंने ब्यूटी पार्लर खोलने का आदेश दिया। यह जगह अब मेकअप और ग्रूमिंग के शौकीनों के लिए एक साथ समय बिताने और ब्यूटीशियन के रूप में काम करके पैसे कमाने का जरिया बन गई है। कुछ कैदी पार्लर में ब्यूटीशियन के रूप में काम करके महीने में 3,000 कमा रहे हैं। कुछ ने इस कौशल को सीखा और रिहा होने पर ऐसा व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई है। इस नई जगह ने पिछले कुछ महीनों में उनके नजरिए में बड़ा बदलाव लाया है। पहले वे खुद की देखभाल नहीं कर पाते थे, जिससे वे उदास और अक्सर अवसादग्रस्त रहते थे। अब जब वे अपनी देखभाल करने का प्रयास करते हैं, तो उनका ध्यान बदल गया है और इसका असर उनके व्यवहार में दिखता है। यह सुविधा उनके जीवन में कुछ सामान्यता लाती है।
फंडा यह है कि हमारी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान करना एक अच्छा सोचने वाले दिमाग का प्राथमिक काम है। लेकिन अगर यह थोड़ा और मेहनत करें, तो यह न केवल अनदेखी समस्याओं को पहचान सकते हैं, बल्कि एक समूह के लोगों के भावनात्मक मुद्दों को भी हल कर सकता है, जिससे उनका जीवन बेहतर बन सके।
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एन. रघुरामन का कॉलम: बेहतरीन दिमाग भावनात्मक मुद्दों के साथ दैनिक समस्याएं सुलझा सकते हैं

