[ad_1]
परवेज खान
यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर जिले के खानुवाला गांव में चार दिन के भीतर दूसरी बार तबाही का ऐसा मंजर देखने को मिला. बसंती सोन नदी का तटबंध एक बार फिर से टूट गया है और अब गांव डूब गया है. गांव में बाढ़ आने के बाद पीड़ितों का हाल चाल जानने भी कोई नहीं आया है.
दरअसल, 11 अगस्त को सोमनदी अपने उफान पर थी. इस दौरान बिलासपुर और छछरौली के बीच से दो तटबंध टूट गए. इसकी वजह से दर्जनों गांव जलमग्न हुए थे और सबसे ज्यादा नुकसान खानूवाला गांव में हुआ था. अभी उन ग्रामीणों के जख्म भरे भी नहीं थे कि स्वतंत्रता दिवस पर इस गांव में पानी की ऐसी आजादी देखने को मिली कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है.
घर की छत पर रखा सामान
न्यूज18 ने पूरे गांव में पानी ने घर-घर जाकर पीड़ितों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने एक घर का सामान छत के ऊपर रखा हुआ है तो कोई बाल्टी से घर से पानी निकालता नजर आया. गांव की बीच की सड़क दरिया बन चुकी है. खानूवाला गांव में यही हाल हर तरफ नजर आ रहा है. 4 दिन के भीतर दूसरी बार इस गांव में पानी ने अपना डरावना रूप दिखाया है. लेकिन प्रशासन है कि किसी की फिक्र ही नहीं है. ना कोई सुध लेने वाला है ना कोई मदद करने वाला.
यमुनागर के एक गांव में सड़क में बहता पानी.
लोगों की मदद के लिए संस्थाएं या फिर गुरुद्वारा ही आगे आया है और गुरुद्वारे से घर-घर जाकर खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है. पीड़ितों का कहना है कि हमारे घर का सारा सामान बर्बाद हो गया है. खेतों की फसल खराब हो गई है. पीड़ितों ने प्रशासन और सरकार पर इस नाकामी का ठीकरा फोड़ा है. गुरमेल सिंह, परविंदर सिंह, मनदीप सिंह, बृजभूषण सिंह और कुलविंदर सिंह ने बताया कि हालात बेहद खराब हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है. इनका कहना कि 4 दिन के भीतर दूसरी बार गांव में पानी घुस गया है. उनका सारा सामान खराब हो गया है और घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है.
[ad_2]
Source link