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National Highways Maintenance: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क के मेनटेनेंस के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में 17,884 किलोमीटर लंबाई में शॉर्ट टर्म मेनटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (STMC) को मंजूरी दी है. इसमें 2,842 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. 6,118 किलोमीटर लंबाई की सड़क में परफॉर्मेंस बेस्ड मेनटेनेंस (PBMC) कार्यों की भी मंजूरी दी गई है. इसकी लागत 6,757 करोड़ रुपये है.

नेशनल हाइवे के मेनटेनेंस के लिए मैकेनिज्म
लोकसभा में एक लिखित बयान में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के रखरखाव को प्राथमिकता दी है और एक मेनटेनेंस एजेंसी के जरिए सभी NH सेक्शंस के रखरखाव और मरम्मत को सुनिश्चित करने के लिए एक मैकेनिज्म तैयार की है. वर्तमान में देश में 8.11 लाख करोड़ रुपये की लागत से 31,187 किलोमीटर लंबाई में 1,310 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं.
इतने समय तक के लिए होता है कॉन्ट्रैक्ट
STMC कार्यों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पीरियड आमतौर पर 1-2 साल के बीच होता है. PBMC कामों का कॉन्ट्रैक्ट लगभग 5-7 साल तक के लिए होता है. सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों को लंबे समय तक टिकाऊ बनाए रखने और समय-समय पर मेनटेनेंस की जरूरत को कम करने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी और तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार काम शुरू होने से पहले और कम्प्लीट होने का सर्टिफिकेट इश्यू से पहले नेटवर्क सर्वे व्हीकल (NSV) के जरिए सड़क की स्थिति का आकलन करती है. काम पूरा होने के छह महीने के नियमित अंतराल पर मूल्यांकन किया जाता है ताकि यह सुनश्चित किया जा सके कि सड़कों की क्वॉलिटी ठीक है.
एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर भी काम शुरू
इसके अलावा, सरकार ने इसके अतिरिक्त, सरकार ने फोर लेन और उससे अधिक लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के इंस्टॉलेशन पर भी काम शुरू किया है.
गडकरी ने कहा, ”ATMS में कई अलग-अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की मदद से राजमार्गों की प्रभावी निगरानी में मदद मिलती है, जिससे किसी घटना के रिस्पॉन्स में वक्त कम लगता है और रोड सेफ्टी में सुधार आता है.”
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