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पीजीआई में प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर।

चंडीगढ़ पीजीआई में रेजीडेंट डॉक्टर आज भी हड़ताल पर हैं। वह आज भी मरीज को नहीं देखेंगे। इसलिए ओपीडी में मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कोलकाता में डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद से देश भर के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में पीजीआई प्रशासन
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राज्यसभा सांसद सतनाम संधू को पीजीआई के रेजीडेंट डॉक्टरों की तरफ से ज्ञापन दिया गया है।
राज्यसभा सांसद को दिया ज्ञापन

हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के संगठन की तरफ से राज्यसभा सांसद सतनाम संधू को एक ज्ञापन सोपा गया है। इसमें डॉक्टरों ने कोलकाता की घटना पर जल्द और सही जांच करने की मांग की है। वहीं पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए CPA कानून को लागू करने की मांग की गई है। डॉक्टरों का मानना है कि कोलकाता जैसी घटना पूरे देश में कहीं पर भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए यह कानून जरूरी है। वहीं डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए पीजीआई में सामान्य तौर पर होने वाली सर्जरी, लैब टेस्ट और दूसरे प्रोसीजर की संख्या कम हो गई है। सामान्य तौर पर एक दिन में 200 से 250 ऑपरेशन यहां पर होते थे, लेकिन अभी मात्र 50 से 60 ऑपरेशन हो रहे हैं। वह भी सिर्फ इमरजेंसी इमरजेंसी में आए मरीज के हैं।
कई मरीजों की रिपोर्ट हुई पेंडिंग
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण कई मरीजों की जांच रिपोर्ट भी लंबित हो गई है। इसमें मरीजों की अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे की काफी रिपोर्ट ऐसी है, जिसमें हड़ताल से पहले मरीजों की जांच हो चुकी थी। लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई थी। अब यह रेजिडेंट डॉक्टर जब हड़ताल पर चले गए हैं, तो वह रिपोर्ट अभी भी तैयार नहीं हो पाई है। जिन लोगों को इस तरह के टेस्ट कराने के लिए पहले से समय दिया गया था, उनके टेस्ट भी नहीं हो पा रहे हैं। अब उन मरीजों को भी आगे की तारीख लेनी पड़ रही है। यही नहीं पीजीआई में किसी मरीज की मौत के बाद समय पर उसका पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहा है।
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