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तमिलनाडु विधानसभा में वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास।
तमिलनाडु विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पेश किया था। सीएम स्टालिन ने आरोप लगाया है कि इस बिल के कारण मुस्लिमों की भावनाएं आहत हो रही हैं। वहीं, दूसरी ओर भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन ने विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव का विरोध किया है। वहीं, तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी AIADMK ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
क्या बोले सीएम एमके स्टालिन?
तमिलनाडु विधानसभा में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य के सीएम एमके स्टालिन ने कहा- “केंद्र सरकार वक्फ विधेयक में संशोधन करने की कोशिश कर रही है, जिससे वक्फ बोर्ड की शक्तियों में बाधा आएगी। इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत हो रही हैं और केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है।”
प्रस्ताव में क्या कहा गया?
सीएम एमके स्टालिन की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है- “भारत में लोग धार्मिक सद्भाव के साथ रह रहे हैं। संविधान ने सभी लोगों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया है। वहीं, चुनी हुई सरकारों को इसकी रक्षा करने का अधिकार है। विधानसभा सर्वसम्मति से जोर देती है कि केंद्र सरकार को वक्फ अधिनियम 1995 के लिए वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को वापस लेना चाहिए। ये अल्पसंख्यक मुसलमानों को बुरी तरह प्रभावित करेगा।”
AIADMK ने क्या कहा?
तमिलनाडु सरकार द्वारा विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने पर, AIADMK के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- “ऐसा लगता है कि DMK धर्म, भाषा के आधार पर एक नैरेटिव सेट करने की जल्दी में है। यहां मुद्दा यह है कि इस मामले में JPC बनी थी और JPC का नतीजा क्या रहा? जिन पार्टियों के सदस्य JPC में हैं, वे न्यायपालिका में वक्फ को चुनौती क्यों नहीं दे रहे हैं? विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की इतनी जल्दी क्यों है? वोट बैंक की राजनीति के लिए लोगों को भड़काने की कोशिश करना बेहद निंदनीय है।”

सरकार क्यों लाई है वक्फ बिल?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में सुधार करने के उद्देश्य से पेश किया गया है। सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन कर केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के जरिए वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। इसमें कहा गया है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकसद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है। साथ ही महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करना है।
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तमिलनाडु विधानसभा में वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास, CM स्टालिन बोले- ‘मुस्लिमों की भावनाएं…’ – India TV Hindi