in

ट्रम्प ने वोटिंग नियम बदले, अब नागरिकता का सबूत जरूरी: भारत का जिक्र कर कहा- वहां बायोमीट्रिक इस्तेमाल हो रहा, हम पुराने तरीके पर अटके Today World News

ट्रम्प ने वोटिंग नियम बदले, अब नागरिकता का सबूत जरूरी:  भारत का जिक्र कर कहा- वहां बायोमीट्रिक इस्तेमाल हो रहा, हम पुराने तरीके पर अटके Today World News

[ad_1]

वॉशिंगटन3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव नियमों में बदलाव से संबंधित एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत कर दिए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को चुनावी प्रकिया में बदलाव से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए। इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का प्रमाण देना होगा। ट्रम्प ने यह आदेश चुनाव में धोखाधड़ी रोकने के लिए दिया है।

ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इसका मकसद मतदाता सूची में अवैध रूप से शामिल अप्रवासियों पर नकेल कसना है। डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में अपनी हार के पीछे फर्जी मतदान को वजह बताया था। हालांकि, ट्रम्प के इस आदेश को राज्यों ने कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है।

आदेश में ट्रम्प ने कहा कि भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि नागरिक इसके लिए काफी हद तक सेल्फ अटेस्ट करने पर निर्भर हैं।

अमेरिका में करीब 20 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं।

अमेरिका में करीब 20 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं।

ट्रम्प ने मंगलवार को आदेश पर साइन करते हुए कहा-

QuoteImage

‘चुनावी धोखाधड़ी’। आपने यह शब्द सुना होगा। मैं इसे खत्म करने जा रहा हूं।

QuoteImage

एग्जीक्यूटिव ऑर्डर वह आदेश होते हैं जो राष्ट्रपति द्वारा एकतरफा जारी किए जाते हैं। ये आदेश कानून की शक्ति रखते हैं। इन्हें कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस इन्हें पलट नहीं सकती। हालांकि इन्हें अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

ट्रम्प के चुनावी वादों को पूरा करने के मकसद से इन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को तैयार किया गया है।

वोटिंग से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर की 4 अहम बातें

नागरिकता साबित करने की जरूरत: वोटिंग के लिए नागरिकता का सबूत, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस देना जरूरी होगा।

राज्यों से सहयोग की अपील: ऑर्डर में राज्यों को सहयोग करने, वोटर लिस्ट को संघीय सरकार के साथ शेयर करने और चुनाव से जुड़े अपराधों की जांच में मदद की अपील की गई है।

मेल-इन बैलट की समय सीमा: चुनाव खत्म होने के बाद मिलने वाले मेल-इन बैलट को अवैध माना जाएगा।

नियम ना मानने पर फंडिंग में कटौती: ऑर्डर में साफ-साफ कहा गया है कि अगर कोई राज्य इन नए नियमों का पालन नहीं करता, तो उनको दी जाने वाली फंडिंग मदद में कटौती की जा सकती है।

वोटिंग के लिए राज्यों में अलग-अलग नियम

अमेरिका में वोटिंग को लेकर कोई एक जैसे नियम नहीं है। हर राज्य के अपने अलग कानून हैं। टेक्सास, जॉर्जिया और इंडियाना जैसे राज्यों में वोटिंग की प्रक्रिया बेहद सख्त है। यहां पर वोट डालने के लिए फोटो आईडी (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) दिखाना जरूरी है।

वहीं, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनॉय जैसे राज्यों में वोटिंग को लेकर उतने सख्त नहीं हैं। इन राज्यों में नाम और पता बताकर या फिर कोई दस्तावेज जैसे कि बिजली का बिल दिखाकर वोटिंग की जा सकती है।

इसके अलावा मिशिगन जैसे राज्यों में वोट डालने के दौरान फोटो आईडी मांगी जाती है। अगर किसी के पास यह नहीं है तो वह एक हलफनामा साइन कर वोट कर सकता है।

वोटिंग को लेकर राज्यों में अंतर के पीछे राजनीतिक और ऐतिहासिक कारण हैं। वोटर आईडी से धोखाधड़ी रुकती है, जबकि कुछ का मानना है कि इससे गरीब या अल्पसंख्यक वोटर को परेशानी होती है। यह बहस सालों से चल रही है।

वोटिंग को लेकर राज्यों में अंतर के पीछे राजनीतिक और ऐतिहासिक कारण हैं। वोटर आईडी से धोखाधड़ी रुकती है, जबकि कुछ का मानना है कि इससे गरीब या अल्पसंख्यक वोटर को परेशानी होती है। यह बहस सालों से चल रही है।

विदेशी नागरिकों के चंदा देने पर रोक

इस कार्यकारी आदेश के तहत अमेरिकी चुनावों में विदेशी नागरिकों द्वारा चंदा देने पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। पिछले कुछ सालों में विदेशी नागरिकों से मिलने वाला चंदा अमेरिकी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना है।

इसकी एक बड़ी वजह स्विस अरबपति हैंसयोर्ग वीस भी हैं, जिन्होंने अमेरिका में सैकड़ों मिलियन डॉलर का चंदा दिया है। वीस के समर्थ वाले एक संगठन सिक्सटीन थर्टी फंड ने ओहायो के संविधान में गर्भपात सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 3.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान दिया था।

हाल ही में, कंसास ने भी इसी तरह का एक विधेयक पारित किया है, जिसमें विदेशी नागरिकों, कंपनियों, सरकारों या राजनीतिक दलों द्वारा राज्य के संवैधानिक संशोधनों के पक्ष या विरोध में अभियान चलाने के लिए चंदा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

—————————————————-

अमेरिकी से जुड़ी ये खबर पढ़ें….

ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन के 78 फैसले पलटे:यूक्रेन जंग पर बोले- पुतिन कोई डील नहीं करके रूस को बर्बाद कर रहे

डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति को तौर पर शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद ही उन्होंने कई एग्जीक्यूटिव आर्डर्स पर साइन किए। इनमें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के 78 फैसलों को पटलने वाला आदेश भी शामिल था। पूरी खबर यहां पढ़ें….

ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश पर रोक:कोर्ट ने 14 दिन का स्टे लगाया, कहा- यह आदेश परेशान करने वाला

अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता अधिकार समाप्त करने के फैसले पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी। फेडरल कोर्ट के जज जॉन कफनौर ने वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन राज्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया। पूरी खबर यहां पढ़ें….

मंडे मेगा स्टोरी- हैकिंग के डर से EVM छोड़ा:अमेरिका के चुनाव भारत से कितने अलग; वोटिंग, काउंटिंग और नतीजों की पूरी कहानी

साल 2000 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव। रिपब्लिकन पार्टी के जॉर्ज बुश और डेमोक्रेटिक अल गोर के बीच बेहद कड़ा मुकाबला था। फ्लोरिडा स्टेट जिसकी तरफ झुकता, वो अमेरिका का नया राष्ट्रपति बन सकता था। लेकिन एक गड़बड़ हो गई। पूरी खबर यहां पढ़ें….

#

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
ट्रम्प ने वोटिंग नियम बदले, अब नागरिकता का सबूत जरूरी: भारत का जिक्र कर कहा- वहां बायोमीट्रिक इस्तेमाल हो रहा, हम पुराने तरीके पर अटके

Hisar News: 28 को किसान डीसी को सौंपेंगे ज्ञापन, 30 को टोल प्लाजा पर होगी किसान महापंचायत  Latest Haryana News

Hisar News: 28 को किसान डीसी को सौंपेंगे ज्ञापन, 30 को टोल प्लाजा पर होगी किसान महापंचायत Latest Haryana News

चीन के ‘खतरनाक’ इरादों की तारीफ महिला को पड़ी भारी, भड़के ताइवान ने उठाया बड़ा कदम – India TV Hindi Today World News

चीन के ‘खतरनाक’ इरादों की तारीफ महिला को पड़ी भारी, भड़के ताइवान ने उठाया बड़ा कदम – India TV Hindi Today World News