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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने बुधवार को नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उनके और अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के धन के कथित दुरुपयोग के संबंध में दर्ज धन शोधन मामले पर पेश आरोप पत्र खारिज कर दिया। हालांकि, अब्दुल्ला इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता नहीं थे, लेकिन आरोप पत्र में शामिल आरोपियों में से एक थे।
जस्टिस संजीव कुमार ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता के वकील की दलील में दम नजर आया जिसे उन्होंने बहुत जोरदार तरीके से पेश किया और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की दलील को स्वीकार करने में अपनी असमर्थता पर खेद जताया।
न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि शिकायत, आरोप-पत्र और नामित विशेष अदालत (प्रधान सत्र न्यायालय, श्रीनगर) की ओर से 18 मार्च-2020 के आदेश के तहत तय किये गये आरोपों को खारिज किया जाता है। हालांकि यह भी स्पष्ट किया जाता है कि आरोपों को खारिज करने के बावजूद ईडी के लिए ईसीआईआर को नए सिरे से पंजीकृत करना और पीएमएलए की धारा 3 के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ अभियोजन शुरू करना खुला रहेगा, यदि अंततः मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीनगर की अदालत अपराध/अपराधों के लिए आरोप तय करती है, जो विशेष रूप से पीएमएलए की अनुसूची में उल्लिखित हैं।
ईडी ने अपने आरोप पत्र में अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा, जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष मीर मंजूर गजनफर और कुछ अन्य को आरोपी बनाया था।
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चुनावों से पहले फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने JKCA मामले में खारिज किया ED का आरोप पत्र