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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के 7 साथियों को पंजाब लाया जाएगा: AAP सरकार का NSA बढ़ाने से इनकार; सांसद पर फैसला 22 मार्च के बाद – Amritsar News Chandigarh News Updates

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के 7 साथियों को पंजाब लाया जाएगा:  AAP सरकार का NSA बढ़ाने से इनकार; सांसद पर फैसला 22 मार्च के बाद – Amritsar News Chandigarh News Updates

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खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह।

खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के 7 साथियों को जल्द ही पंजाब लाया जाएगा। पंजाब सरकार ने इन सभी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) जारी रखने से इनकार कर दिया है। कल से अमृतपाल सिंह के साथियों को पंजाब लान

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जानकारी के मुताबिक, अमृतपाल सिंह और साथी पप्पलप्रीत सिंह अभी डिब्रूगढ़ जेल में ही रहेंगे, क्योंकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही उनकी एनएसए की अगली सुनवाई 22 मार्च को होनी है, जिसके बाद सरकार आगे का फैसला लेगी।

पंजाब पुलिस बाकी सभी 7 को डिब्रूगढ़ जेल से गिरफ्तार कर पंजाब लाएगी और पंजाब के थानों में दर्ज सभी मामलों में कार्रवाई करेगी। ये सभी आरोपी फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं और अब इन्हें पंजाब की जेलों में ट्रांसफर किया जाएगा।

अमृतपाल सिंह सहित 9 साथी हैं डिब्रूगढ़ जेल में

अमृतपाल सिंह से पहले उसके 8 साथी गिरफ्तार हो गए थे। जिन्हें गिरफ्तारी के साथ ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद करके रखा गया। अमृतपाल सिंह के 8 साथी, जिन पर एनएसए लगा है-

  • पपलप्रीत सिंह: अमृतपाल सिंह के प्रमुख सहयोगी।
  • भगवंत सिंह उर्फ ‘प्रधानमंत्री’ बाजेके: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख सदस्य।
  • दलजीत सिंह कलसी: अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी और संगठन के प्रमुख सदस्य।
  • बसंत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • गुरमीत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • जीत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • हरजीत सिंह: अमृतपाल सिंह के चाचा।
  • विक्रमजीत सिंह: संगठन के सदस्य।

पिता ने कहा- अभी जानकारी नहीं

इस मामले के बाद जब अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि, अभी इस बारे में उन्हें किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, उनके वकील राजदेव खालसा ने भी बताया कि अभी तक पंजाब सरकार की तरफ से उन्हें इसकी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।

अमृतपाल के भागने की पूरी कहानी

1. पुलिस ने 18 मार्च 2023 को पीछा शुरू किया

18 मार्च 2023 सुबह तकरीबन 11:15 बजे के करीब पुलिस ने प्लानिंग के अनुसार अमृतपाल की मर्सिडीज कार का पीछा शुरू किया। अमृतपाल को इसकी भनक लग चुकी थी। अमृतपाल ने अपनी मर्सिडीज शाहकोट-मोगा हाईवे पर बाजवा कलां गांव के पास बने फ्लाईओवर के नीचे छोड़ दी। मर्सिडीज को चाचा व ड्राइवर ले गए। इसके बाद वह एक ब्रेजा कार में बैठ भाग गया।

2. मर्सिडीज चाचा ले गया, अमृतपाल ब्रेज में सवार हो गया

ब्रेजा में अमृतपाल के ही एक शागिर्द मनप्रीत ने उसे दादोवाल गांव तक पहुंचाया। वहां उसने नशा मुक्ति केंद्र में युवकों से कपड़े लिए। इसके बाद मनप्रीत उसे नंगल अंबिया गांव में बने गुरुद्वारे में ले गया। यह ब्रेजा कार किसी और की नहीं, अमृतपाल के ही मीडिया एडवाइजर पपलप्रीत सिंह की थी।

3. गुरुद्वारे में ग्रंथी को बनाया बंधक

पुलिस के अनुसार अमृतपाल व उसके साथी गांव नंगल अंबिया के गुरुद्वारा में पहुंचे। यहां ग्रंथी को हथियारों के बल पर बंधक बनाया गया। एक घंटा वे यहां रुके। अमृतपाल ने खाना खाया, कपड़े बदले और अपना हुलिया भी।

4. फोन पर हरियाणा के रेवाड़ी में बातचीत

अमृतपाल सिंह के साथी गुरुद्वारा में उसे भगाने की प्लानिंग कर रहे थे। उसके साथियों ने हरियाणा के रेवाड़ी में किसी से बातचीत की। इसके बाद कार में ही वह गांव के एक स्मारक के पास पहुंचा। जहां दो बाइक पर तीन युवक पहले से ही उसका इंतजार कर रहे थे। यहां मनप्रीत ब्रेजा लेकर अपने घर पहुंच गया और अमृतपाल बाइक पर भाग गया।

5. मोगा के गांव रोडे से गिरफ्तारी

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिन की फरारी के बाद 22 अप्रैल 2023 को मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अरेस्ट कर लिया गया। ये जरनैल सिंह भिंडरांवाला का गांव है। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन ले गई, जहां से वे डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया।

संगत ने चुनाव लड़वाया, ताकि जेल से बाहर आ सके

अमृतपाल को जेल से बाहर लाने के लिए संगत ने फैसला लिया कि उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 लड़वाया जाए। अमृतपाल इसके लिए राजी नहीं थे, तब माता-पिता और वकील ने जेल में जाकर उन्हें मनाया। चुनाव का कैंपेन भी पिता तरसेम सिंह ने ही संभाला। रिजल्ट आया, तो अमृतपाल 1.97 लाख वोट से जीत गए।

अमृतपाल के कहने पर नई पार्टी गठित

पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की नई पार्टी का ऐलान 14 जनवरी को माघ मेले के दौरान किया गया। इसका नाम ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ रखा गया।

पार्टी का अध्यक्ष असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल को बनाया गया है। अध्यक्ष अमृतपाल के जेल में होने के कारण पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई है। जिसने पंजाब में मैंबरशिप ड्राइव को शुरू भी कर दिया है।

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