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फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में हजारों साल पुराना मैग्नेट स्टोन मिला है. इसे पाषाण युग से जुड़ा माना जा रहा है. पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार, यह पत्थर दफन संस्कृतियों का प्रतीक है. इसे संरक्षित कर…और पढ़ें
फरीदाबाद की अरावली में मिला प्राचीन मैग्नेट स्टोन.
हाइलाइट्स
- फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में हजारों साल पुराना मैग्नेट स्टोन मिला है.
- इसे पाषाण युग से जुड़ा माना जा रहा है.
- पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार, यह पत्थर दफन संस्कृतियों का प्रतीक है.
फरीदाबाद: फरीदाबाद: फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में एक बेहद खास पत्थर मिला है, जिसे पाषाण युग से जुड़ा बताया जा रहा है. पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ इसे मैग्नेट स्टोन कह रहे हैं. यह पत्थर हजारों साल पहले के समय का है, जब मनुष्यों को जलाने की बजाय दफनाया जाता था. उस समय कब्र के पास ऐसे बड़े पत्थर खड़े किए जाते थे, जो मृतक व्यक्ति की स्मृति का प्रतीक होते थे.
10 से 15 फीट ऊँचे होते हैं ये पत्थर
विशेषज्ञों के अनुसार ये पत्थर दिखने में छोटे लग सकते है, लेकिन असल में इनका एक बड़ा हिस्सा मिट्टी में दफन रहता है. अगर इसकी खुदाई की जाए तो यह अपनी पूरी ऊंचाई में सामने आ सकता है. इस तरह के पत्थर राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी देखे गए हैं, लेकिन फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में इनका मिलना एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है.
पुरातत्व विशेषज्ञों ने दी राय
पुरातत्व विभाग से जुड़े विशेषज्ञ तेजवीर मावी ने बताया कि यह पत्थर हजारों साल पुराना है. पाषाण युग में जब लोग अपने प्रियजनों को दफनाते थे तब उनकी याद में ऐसे विशाल पत्थर खड़े किए जाते थे. मावी के अनुसार यह पत्थर छोटा नहीं है बल्कि इसका बड़ा हिस्सा अभी भी जमीन के अंदर है. यदि खुदाई की जाए तो यह अपनी असली ऊंचाई में नजर आएगा. कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में कई ऐतिहासिक अवशेष मौजूद हैं जिन्हें संरक्षित करने की जरूरत है.

कोट गांव का ऐतिहासिक महत्व
कोट गांव और इसकी अरावली पहाड़ियां पहले से ही पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही हैं. यहां पहले भी कई ऐतिहासिक अवशेष मिले हैं, जो इस क्षेत्र के समृद्ध अतीत की कहानी बयां करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थान प्राचीन काल में किसी बड़ी सभ्यता का हिस्सा रहा होगा. अगर यहां पर गहन अध्ययन और खोजबीन की जाए, तो इतिहास से जुड़े कई नए राज खुल सकते हैं.
संरक्षण है बेहद जरूरी
इतिहास से जुड़ी ऐसी खोजें हमें अपने अतीत को समझने में मदद करती हैं. अब सबसे बड़ी जरूरत इस बात की है कि इस खोज को संरक्षित किया जाए और सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए. अगर इस क्षेत्र में आगे खुदाई की जाए, तो और भी प्राचीन अवशेष सामने आ सकते हैं, जो फरीदाबाद के ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ा सकते हैं.
Faridabad,Haryana
March 15, 2025, 16:46 IST
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