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मोहाली में पार्किंग विवाद में साइंटिस्ट की जान गई: इंजीनियर ने मुक्के मारे; किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी, पेट में चोट लगने से हालत बिगड़ी – Mohali News Chandigarh News Updates

मोहाली में पार्किंग विवाद में साइंटिस्ट की जान गई:  इंजीनियर ने मुक्के मारे; किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी, पेट में चोट लगने से हालत बिगड़ी – Mohali News Chandigarh News Updates
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मोहाली में पार्किंग विवाद के दौरान साइंटिस्ट और आरोपी इंजीनियर के बीच बहस के बाद मारपीट हुई। इसमें साइंटिस्ट (लाल घेरे में) की मौत हो गई।

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पंजाब के मोहाली में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार (39) की मौत हो गई। वह मोहाली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में तैनात थे। पड़ोसी से उनका बाइक खड़ी करने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिससे पड़ोसी ने उनके सा

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कुछ समय पहले उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी, जिसका डायलिसिस चल रहा था। ताजा विवाद में हुई हाथापाई से उन्हें गंभीर चोटें आईं। हालांकि, तबीयत बिगड़ती देख आरोपी पड़ोसी ही अपनी कार से उन्हें अस्पताल ले गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

थाना फेज-11 की पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोंटी पर BNS की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। आज शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। आरोपी मोंटी भी पेशे से इंजीनियर है।

CCTV में कैद हुए 2 PHOTOS…

घर के सामने पार्किंग में बाइक लगाते साइंटिस्ट अभिषेक। इसी दौरान विवाद हुआ और काले कपड़े पहनकर खड़े आरोपी मोंटी ने उनके साथ हाथापाई की।

साइंटिस्ट अभिषेक के साथ हाथापाई होने के बाद आरोपी मोंटी के परिजन उसे धक्का देकर अंदर ले गए, लेकिन साइंटिस्ट ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसके बाद वह रोड पर ही गिर पड़े, फिर उठे नहीं।

साइंटिस्ट अभिषेक के साथ हाथापाई होने के बाद आरोपी मोंटी के परिजन उसे धक्का देकर अंदर ले गए, लेकिन साइंटिस्ट ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसके बाद वह रोड पर ही गिर पड़े, फिर उठे नहीं।

परिजनों ने पुलिस को क्या बताया…

बीमारी के बारे में पता था, फिर भी लड़ा पड़ोसी साइंटिस्ट के मामा के लड़के इशान बर्मन ने पुलिस को बताया है कि साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार मूल रूप से झारखंड में धनबाद के राजागढ़ कतरारा के रहने वाले थे। वह मौजूदा समय में मोहाली के सेक्टर-67 में रह रहे थे। उन्होंने अपने माता-पिता के साथ किराए का अपार्टमेंट ले रखा था।

मंगलवार रात करीब साढ़े 8 बजे जब वह अपनी बाइक घर के बाहर पार्क कर रहे थे, इस दौरान पड़ोसी मोंटी से उनकी बहस हो गई। साइंटिस्ट बीमार रहते थे, इस बारे में सभी लोगों को पता था। इसके बाद भी आरोपी पड़ोसी ने पहले उनके साथ गाली-गलौज की।

पेट में मुक्के मारने से तबीयत बिगड़ी इसके बाद आरोपी तेजी से आया और धक्कामुक्की कर डाली। परिवार का आरोप है कि पेट में मुक्के मारने से अभिषेक को गंभीर चोटें आईं, जिससे अभिषेक गली में गिर गया। इसके बाद वह उठ नहीं पाया। माता-पिता ने उसे उठाने की कोशिश की।

फिर आरोपी अपनी गाड़ी में उसे फोर्टिस अस्पताल में ले गए। वहां से मोहाली के फेज-11 थाने के SHO गगनदीप सिंह को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने मोंटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।

प्रत्यक्षदर्शी पड़ोसी रोमा ने बताया है कि मोंटी ने अभिषेक के सीने पर पंच मारे थे। रोमा का यह भी कहना है कि छोटी सी बात पर उनसे आरोपी के पिता भी एक बार लड़ने आ गए थे।

प्रत्यक्षदर्शी पड़ोसी रोमा ने बताया है कि मोंटी ने अभिषेक के सीने पर पंच मारे थे। रोमा का यह भी कहना है कि छोटी सी बात पर उनसे आरोपी के पिता भी एक बार लड़ने आ गए थे।

प्रत्यक्षदर्शी महिला बोली- छाती पर पंच मारे प्रत्यक्षदर्शी महिला रोमा ने बताया है कि मंगलवार शाम को वह घर में थीं। इस दौरान बाहर जोरदार शोर मचा हुआ था। जब वह बाहर आई तो देखा कि पड़ोसी का बेटा मोंटी साइंटिस्ट अभिषेक से झगड़ रहा है। पहले उसने बड़ी तेजी से साइंटिस्ट को धक्कामुक्की कर नीचे गिरा दिया। इसके बाद उसके सीने पर पंच मारे।

रोमा ने बताया- इसके बाद जब साइंटिस्ट की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें (मोंटी को) लगा कि वह फंस जाएंगे। इसके बाद वह अपनी थार कार में साइंटिस्ट को लेकर अस्पताल पहुंचे। जब वह अपनी थार को वहां से निकाल रहे थे, तो उन्होंने हमारी कार को हिट कर दिया।

मुझे पता चला है कि कार में भी आरोपियों ने साइंटिस्ट के परिवार के साथ गलत व्यवहार किया है। कुछ समय बाद हमें न्यूज आई कि साइंटिस्ट की डेथ हो गई है। हमने अपने कैमरों की रिकॉर्डिंग मकान मालिक को भेज दी है।

मृतक साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार के परिजन मामले की जानकारी देते हुए।

मृतक साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार के परिजन मामले की जानकारी देते हुए।

बहन ने दी थी किडनी, कई देशों में कर चुका काम इशान बर्मन ने बताया कि वैज्ञानिक अभिषेक (साइंटिस्ट) काफी होनहार थे। वह अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में काम कर चुके थे। कुछ समय पहले उसकी तबीयत खराब होने लगी थी, जिससे परिवार वाले उसकी सेहत को लेकर चिंतित रहते थे। इस वजह से वह इंडिया में आ गया था।

परिवार में उसकी 2 बहनें और बुजुर्ग माता-पिता हैं। उसके पिता पहले ज्वेलरी का काम करते थे। बेटियों की शादी हो चुकी है, और वे अब अपने बेटे के साथ ही रहते थे। कुछ समय पहले अभिषेक का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बहन ने अपनी किडनी दी थी। परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है।

साइंस जनरल में प्रकाशित हुए रिसर्च पेपर IISER से पता चला है कि साइंटिस्ट अभिषेक काफी होनहार थे। प्रतिष्ठित साइंस जनरल में उनके रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए थे। इस वजह से उन्हें IISER में काम करने का मौका मिला था। वहीं, संस्थान के लोगों का कहना है कि यह बहुत बड़ी क्षति है। उसकी साइंस को लेकर रुचि देखते ही बनती थी।

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