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- Column By Pt. Vijayshankar Mehta One Should Work Carefully On Body And Mind
4 घंटे पहले

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पं. विजयशंकर मेहता
अपने व्यक्तित्व को दो भागों में बांटें- तन का हिस्सा और मन का भाग। तकनीकी विशेषज्ञता, व्यावसायिक कौशल, लीडरशिप की क्वालिटी- ये सब शरीर से जुड़े मामले हैं। जो भी सफल होना चाहता है, उसको ये बातें जीवन में उतारनी पड़ती हैं। जब शरीर इन बातों को लेकर सक्रिय होता है, तो उसको थकान आती है। और शरीर की थकान विश्राम से दूर होती है।
इसी तरह से मन भी सक्रिय होता है। और जब मन अत्यधिक सक्रिय हो जाए तो परिणाम में उदासी आती है, जिसे ध्यान से दूर करना पड़ता है। जो लोग अपने व्यक्तित्व को इन दो भागों में बांटेंगे, उनके लिए सफलता अर्जित करना आसान होगा। और जितनी वे सफलता प्राप्त करेंगे, उतनी ही उनके जीवन में शांति उतरेगी।
अभी इन दोनों बातों का औसत बिगड़ जाता है, इसलिए कामयाब लोग बेचैन पाए जाते हैं। तन पर बाहर से उतना नुकसान नहीं होता, जितना आपका ही मन तन को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए तन और मन को अलग-अलग रखते हुए बड़ी सावधानी से काम करना चाहिए।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: तन और मन पर सावधानी से काम करना चाहिए