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पाकिस्तानी सुरक्षा बल हाईजैक ट्रेन से छुड़ाए गए बंधकों को मालगाड़ी से लेकर माछ रेलवे स्टेशन पहुंचे। तस्वीर- सोशल मीडिया
पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बुधवार रात 9:30 बजे ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में कुछ बंधक भी मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाकी सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है। वहीं, पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे सैनिकों ने कई विद्रोहियों को नरक भेज दिया है।
न्यूज एजेंसी AFP ने पाकिस्तान आर्मी के हवाले से बताया है कि ट्रेन में यात्रा कर रहे 27 ऑफ ड्यूटी पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि 1 सैनिक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मारा गया।
ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि उसने दो दिन में 100 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए हैं। इनमें से 60 को बुधवार को ही मारा गया है।
बलूच आर्मी ने मंगलवार दोपहर 1 बजे जाफर ट्रेन के 450 पैसेंजर्स को बंधक बनाया था। इन्हें छुड़ाने का ऑपरेशन लगभग 36 घंटे चला। पाकिस्तानी आर्मी अफसर ने बताया कि 346 बंधकों को छुड़ा लिया गया है।

पाकिस्तानी सरकार ने प्रोटोकॉल के तहत बलूचिस्तान में 200 ताबूत भेजे हैं, ताकि इमरजेंसी के हालात में इनका इस्तेमाल किया जा सके।
10 पाइंट्स में समझिए अब तक क्या क्या हुआ…
- बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने कल दोपहर 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर 450 यात्रियों को बंधक बनाया।
- BLA ने जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं, राजनैतिक कैदियों, गायब लोगों, लड़ाकों और अलगाववादियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की। सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।
- हमले के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तानी सेना ने पैसेंजर्स की रिहाई के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लड़ाकों पर ड्रोन और हेलिकॉप्टर से हमला किया।
- पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी ने मंगलवार को कहा कि हम ऐसे जानवरों से कोई समझौता नहीं करेंगे, जिन्होंने बेकसूर यात्रियों पर गोलीबारी की।
- पाकिस्तानी सेना ने बुधवार सुबह 150 बंधकों को छुड़ाने की बात कही, शाम होने तक 190 बंधकों को रिहा करने की बात कही।
- सेना के अफसर ने बताया विद्रोही विस्फोटक से लदे आत्मघाती जैकेट पहने हुए हैं, इससे बाकी बंधकों को रिहा कराने में मुश्किल हो रही है।
- पाक सरकार की तरफ से 200 ताबूत क्वेटा भेजे गए। बताया गया कि ये ताबूत प्रोटोकॉल के तहत भेजे गए हैं।
- BLA ने बुधवार शाम को दावा किया कि हमने 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। अगर 20 घंटे में मांगे पूरी नहीं हुई तो बाकियों बंधकों को भी मार देंगे।
- प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मारे गए लोगों के लिए संवेदना जाहिर की। बताया कि इस ऑपरेशन में दौरान दर्जनों आतंकवादी मारे गए हैं।
- पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि 33 बलूच लड़ाके मारे गए हैं और सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है।
लड़ाकों की कैद से रिहा पैसेंजर्स की तस्वीर…

बच्चे और महिलाओं को छुड़ाने के बाद उन्हें नजदीक के माच रेलवे स्टेशन ले जाया गया।

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने ट्रेन से लोगों को रेस्क्यू किया।

एक घायल यात्री का बलूचिस्तान के माच रेलवे स्टेशन पर इलाज किया गया।

BLA लड़ाकों की कैद से रिहा होने के बाद क्वेटा में रेलवे स्टेशन से घर लौटते पाकिस्तानी यात्री।

कैद से छूटने के बाद बलूचिस्तान के क्वेटा में रेलवे स्टेशन पर बैठे यात्री डरे हुए नजर आए।

बलूचिस्तान में मुश्कफ के रेलवे स्टेशन पर पहरा देता एक पाकिस्तानी सैनिक।

कैद से छूटने के बाद लोगों ने अपने घर पर कॉल करके हालात बताए।
बंधकों की आपबीती- पहचान पत्र चेक किए, ऐसा लगा जैसे कयामत आ गई
- जाफर एक्सप्रेस के यात्री नूर मुहम्मद ने बताया, ‘विस्फोट के बाद भीषण गोलीबारी हुई और हमें अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा।’
- एक महिला ने बताया, ‘हम ट्रेन में बैठे थे, तभी अचानक धमाका हुआ और हमें बाहर निकलने को कहा गया। हमले के बाद हमें दो घंटे तक पैदल चलना पड़ा।’
- यात्री मुहम्मद अशरफ ने इस दृश्य को भयावह बताया। ऐसा लगा जैसे कयामत आ गई हो। हर जगह दहशत का माहौल था। हमलावरों ने महिलाओं या बुजुर्ग यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। हमलावरों की संख्या 100 से अधिक थी।
BLA के बलूच लड़ाके बोले- ये हमारे हक की लड़ाई
BLA की तरफ से बुधवार शाम एक ऑडियो भी जारी किया गया। इसमें कहा गया कि यह इंसाफ और जिंदा रहने की लड़ाई है। हम ट्रेन हाईजैक के इस ऑपरेशन में शामिल हुए हैं क्योंकि यह हमारे हक की लड़ाई है।
हम बलूच लोगों से कहना चाहते हैं कि वह इस संघर्ष में शामिल हो और इसका हिस्सा बने। हम ये लड़ाई आपके लिए लड़ रहे हैं। आज हमने इस ट्रेन को हाईजैक किया। हमारे साथ आपके लिए और इस जमीन के लिए अपना खून बहा रहे हैं। हालांकि अभी तक इस ऑडियो की पुष्टि नहीं हुई है।
इससे पहले मंगलवार को BLA ने बयान जारी कर कहा था कि अगर हमारे खिलाफ कोई मिलिट्री ऑपरेशन करने की कोशिश की गई तो हम सभी बंधकों को मार देंगे। इस कत्ल-ए-आम की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की होगी।
चीन बोला- पाकिस्तान के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाएंगे
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बलूचिस्तान में ट्रेन पर हमले का निंदा की है। उन्होंने कहा है कि चीन किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। हम आतंकवाद से लड़ने और इलाके में स्थिरता बनाए रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन जारी रखेंगे। माओ ने कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार है।
दरअसल, बलूचिस्तान से होकर गुजरने वाले चीन के CPEC प्रोजेक्ट का बलूच आर्मी विरोध करती है। लगभग 500 अरब डॉलर वाले इस प्रोजेक्ट को लेकर BLA का कहना है कि ग्वादर पोर्ट पर स्थानीय बलूच लोगों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। इसका विरोध जताने के लिए पिछले 4 साल में BLA ने 76 हमले किए हैं जिनमें 1156 पाक फौजी मारे जा चुके हैं।
बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला

जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया।
सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ।
इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए।
घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया।
पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी।
बलूचिस्तान के 590 करोड़ टन खनिज पर चीन की नजर
पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान से बलूचों को खदेड़ने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई करती रही है। इस कार्रवाई की दो बड़ी वजह हैं। पहली- बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति, जो इसे दुनिया के कुछ सबसे अमीर स्थानों में खड़ा कर देती है।
दरअसल, यह इलाका पाक के दक्षिण-पश्चिम में है, जिसके क्षेत्रफल में ईरान और अफगानिस्तान की भी जमीनें शामिल हैं। यह 3.47 लाख वर्ग किमी में फैला है। इस हिसाब से यह पाक का सबसे बड़ा प्रांत है। देश का 44% भूभाग यहीं है, जबकि इतने बड़े क्षेत्र में पाक की कुल आबादी के सिर्फ 3.6% यानी 1.49 करोड़ लोग ही रहते हैं।
दूसरी, इस जमीन के नीचे मौजूद तांबा, सोना, कोयला, यूरेनियम और अन्य खनिजों का अकूत भंडार। इससे यह पाक का सबसे अमीर राज्य भी है। यहां की रेको दिक खान दुनिया की सोने और तांबे की खदानों में से एक है। यह चगाई जिले में है, जहां 590 करोड़ टन खनिज होने का अनुमान है। इसके प्रति टन भंडार में 0.22 ग्राम सोना और 0.41% तांबा है।
इस हिसाब से इस खान में 40 करोड़ टन सोना छिपा है। जिसकी अनुमानित कीमत 174.42 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है। इसके बावजूद यह इलाका पाकिस्तान के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है। पाकिस्तान ये बेशकीमती खदानें चीन को देकर अपनी किस्मत चमकाना चाहता है। उस पर 124.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है, जो उसकी GDP का 42% है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है
बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है।
BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है।
BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था।

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर
सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं।
रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।
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