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कलरफुल होली का इंतजार हर कोई बड़ी ही ब्रेसब्री से कर रहा है. बच्चे, बड़े, जवान और बुजुर्ग हर कोई इस त्योहार को खास तरह से मनाता है. होली रंगों का त्योहार है तो जहां हुल्लारें निकलते हैं तो दूसरी तरफ गुलाल उड़ाकर गाने-बजाने भी होते हैं. बाल्टी भर-भरकर रंग एक-दूसरे के ऊपर फेंके जाते हैं.


लाल रंग (Red Color) : ऊर्जा और आत्मविश्वास का रंग, जो जोश और साहस बढ़ाता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और थकान मिटती है. ज्यादा लाल गुस्से और आक्रमकता को भी बढ़ा सकता है, इसलिए संतुलन में ही इस्तेमाल करना चाहिए.

पीला रंग (Yellow Color): सकारात्मकता और बुद्धिमता का रंग, जो खुशी, आत्मनिर्भता और क्रिएटिविटी को बढ़ाता है. इससे पाचन तंत्र को काफी फायदा पहुंचता है. किसी काम पर फोकस भी बढ़ता है. इस रंग से मेंटल डिप्रेशन और तनाव दूर हो सकता है.

नीला रंग (Blue Color) यह रंग ठंडक और सुकून देता है. इससे नींद की क्वालिटी सुधरती है और तनाव दूर होता है. यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद करता है.

होली में रंग खेलने के अलावा कई तरीकों से कलर थेरेपी को अपना सकते हैं. घर या ऑफिस की दीवारों पर मन को शांत करने वाले रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं. पेटिंग्स को देख सकते हैं. कपड़े और एक्सेसरीज में अपनी पसंद के हिसाब से चुनें. रोजाना मेडिटेशन करें तो सही रंगों को देखें.

Published at : 12 Mar 2025 03:02 PM (IST)
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होली के रंगों में हो जाएं सराबोर, तनाव, स्ट्रेस, डिप्रेशन हो जाएगा आपसे कोसो दूर