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धूम्रपान से कैंसर, दिल की बीमारी, फेफड़ों की बीमारियों, डायबिटीज सहित इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा. धूम्रपान के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण है और यह मुंह, गले, इंटेस्टाइन, मूत्राशय, किडनी, पैंक्रियाटिक, पेट, ओवरी और ल्यूकेमिया में कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाता है. लगभग 80% फेफड़ों के कैंसर और 80% फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं. धूम्रपान से कोलोरेक्टल और यकृत कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
दिल के नसों में प्लाक जमना: धूम्रपान हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. जिससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है. इससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक बनने लगता. जो ब्ल़ड सर्कुलेशन में रुकावट पैद कर सकता है. दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है. धूम्रपान से रक्त के थक्के, एनजाइना और हार्ट फेल का खतरा भी बढ़ जाता है.
फेफड़ों की बीमारी: धूम्रपान क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का एक प्रमुख कारण है. जिसमें वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस शामिल हैं. यह अस्थमा के लक्षणों को भी खराब कर सकता है और सांस की नली में इंफेक्शन के जोखिम को बढ़ा सकता है. धूम्रपान फेफड़ों में जख्म (पल्मोनरी फाइब्रोसिस) भी पैदा कर सकता है.
डायबिटीज: धूम्रपान से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है और मधुमेह की गंभीर लक्षण को और भी बदतर बना सकता है. जैसे कि दिल की बीमारी और गुर्दे की बीमारी, पैरों और पैरों में खराब रक्त प्रवाह और न्यूरॉन में होने वाले इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है.
संक्रमण: धूम्रपान इम्युनिटी को कमजोर करती है. जिससे व्यक्ति निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और तपेदिक सहित संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है.
रुमेटीइड गठिया: धूम्रपान रुमेटीइड गठिया और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों के विकास के लिए एक जोखिम कारक है.
इससे मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है
प्रजनन स्वास्थ्य: धूम्रपान पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. और यह गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकता है, जैसे कि कम वजन का बच्चा और समय से पहले जन्म.
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दांतों की समस्याएं: धूम्रपान से मसूड़ों की बीमारी, दाँतों का गिरना और सांसों की बदबू हो सकती है.
कम सुनाई देना: धूम्रपान से सुनने की क्षमता में कमी हो सकती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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