[ad_1]
यूपी उप-चुनाव 2024 के संदर्भ में बात करें तो मायावती ने इससे पहले सोशल इंजीनियरिंग करने के प्रयास किए हैं, जिसका साफ संकेत उनके हालिया कदम में दिखा.
11 अगस्त, 2024 को मायावती ने अहम बैठक ली, जिसमें दो सीटों के लिए प्रभारियों के नाम तय किए गए. मझवां से दीपक कुमार तिवारी तो फूलपुर से शिवबरन पासी.
मायावती की बसपा ने उक्त प्रभारियों की नियुक्ति के जरिए सियासी गलियारों में संदेश दिया कि वह ब्राह्मण-दलित (BD) फॉर्मूले के रास्ते उप-चुनाव में आगे बढ़ रही हैं.
‘यूपी तक’ को बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया, “हमारे यहां प्रभारी ही रहते हैं. अगर विषम परिस्थिति नहीं आती तो प्रभारियों को मायावती मौका देती हैं.”
विश्वनाथ पाल के मुताबिक, “प्रभारी ही बाद में प्रत्याशी घोषित कर दिए जाते हैं.” यूपी बसपा चीफ ने यह कहकर साफ कर दिया कि दो सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय हैं.
प्रदेश अध्यक्ष की मानें तो बीजेपी, कांग्रेस और सपा एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण करना चाहती हैं. बसपा इसे गांव-गांव स्तर पर लोगों को समझाएगी और बताएगी.
यह पूछे जाने पर कि उप-चुनाव में बसपा मुस्लिम प्रत्याशी उतारेगी? विश्वनाथ पाल का जवाब आया, “जहां जैसी स्थिति बनेगी, उसके हिसाब से प्रत्याशी उतारा जाएगा.”
यूपी में 2022 के विस चुनाव में 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट जीतने और आम चुनाव 2024 में साफ होने के बाद भी बसपा की उम्मीदें आगामी उप-चुनावों पर टिकी हैं.
आरक्षण को लेकर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) में उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ जैसे मामलों के बीच मायावती पूरे तेवर में दिखी हैं.
Published at : 12 Aug 2024 06:34 PM (IST)
चुनाव 2024 फोटो गैलरी
[ad_2]
मायावती बिगाड़ देंगी BJP का प्लान? इस फॉर्मूले पर बढ़ीं, संकट में फंसी तो उबारेंगे मुसलमान!