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Genital Super Fungus : जेनिटल सुपर फंगस मतलब एक तरह का फंगल इंफेक्शन, जो जेनिटल एरिया यानी प्राइवेट पार्ट्स एरिया में होते हैं. यह इंफेक्शन आमतौर पर कैंडिडा नाम के फंगस की वजह से होता है, जो आमतौर पर हमारे शरीर में ही होता है, लेकिन जब यह फंगस जेनिटल एरिया में बढ़ने लगता है, तो यह इंफेक्शन की वजह बन सकता है.
दुनिया में हर मिनट करीब 700 लोग इस तरह की सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस (STI) की चपेट में आ रहे हैं. हर साल करोड़ों लोग HIV, हर्पीज, हेपेटाइटिस-बी जैसी लाइलाज बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह प्राइवेट पार्ट्स को सही तरह साफ न रखना है. जिसके कारण उनमें सैकड़ों तरह के बैक्टीरिया, फंगस और वायरस जन्म लेने लगते हैं.
सबसे कॉमन जेनिटल सुपर फंगस
महिलाएं हो या पुरुष दोनों को जेनिटल सुपर फंगस का सामना करना पड़ता है. खासकर गर्मी के मौसम में प्राइवेट पार्ट्स में फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) का खतरा ज्यादा रहता है. बार-बार इचिंग, जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्राइवेट पार्ट में होने वाला सबसे कॉमन फंगल इंफेक्शन कैंडिडा (Candida) है.
यह इंफेक्शन महिलाओं में सबसे ज्यादा कॉमन है. इसे वल्वो वेजाइनल कैडियाइसिस भी कहा जाता है. महिलाओं में इसके लक्षण जल्दी डिस्चार्ज, खुजली, वैजाइना के लिप्स में रेडनेस, इर्रिटेशन जैसी समस्याएं होती हैं. पुरुषों में प्री-डायबिटीक या डायबिटीक को ये समस्या ज्यादा हो सकती है. इनमें प्राइवेट पार्ट में फोरस्किन पर कर्डी डिपॉजिट्स और रेडनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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कैंडिडा इंफेक्शन होने का कारण
1. प्राइवेट पार्ट्स के पीएच वैल्यू में बदलाव होना.
2. प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई न करना
4. डायबिटीज
टीनिया क्रूरिस इंफेक्शन
दूसरा सबसे कॉमन जेनिटल सुपर फंगस है टीनिया क्रूरिस (Tinea Cruris). इसे दाद या रिंग वॉर्म भी कहा जाता है. इसमें थाई वाले हिस्से में रिंग की तरह लाल रंग के चकत्ते हो जाते हैं. पिछले कुछ सालों में इसके काफी मामले बढ़े हैं.
टीनिया क्रूरिस इंफेक्शन का कारण
1. एंटी फंगल रेजिस्टेंस
2. खुद से इसका इलाज करना.
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