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ओयो के मुख्य सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल का कहना है कि प्री-चेक-इन प्रक्रिया जैसी कुछ बड़ी चीजें हैं, जिन पर ओयो ध्यान केंद्रित कर रहा है। अग्रवाल का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में आतिथ्य उद्योग को महत्वपूर्ण रूप से मदद करने की क्षमता है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मुंबई टेक वीक के एक सेशन में अग्रवाल ने कहा कि व्यवसाय में प्रवेश करने से पहले डर या अहंकार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे उद्यमशीलता की सफलता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
हॉस्पिटैलिटी में एआई
खबर के मुताबिक, हॉस्पिटैलिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यतौर पर से हमारा व्यवसाय गतिशील मूल्य निर्धारण के आधार पर बनाया गया था। अब, यह उन मॉडलों पर डिजाइन नहीं किया गया था, जिनका इस्तेमाल आज की एआई की दुनिया कर रही है, क्योंकि हमने अपना कारोबार 7-8 साल पहले शुरू किया था। अगर कंपनी ने डायनेमिक प्राइसिंग का इस्तेमाल नहीं किया होता तो उनका ब्रांड आज जैसा नहीं होता।
होटल में आने से पहले AI का बेहतर इस्तेमाल
अग्रवाल ने कहा कि हम अमेरिका, यूरोप, दक्षिण-पूर्व, एशिया, मध्य पूर्व और अन्य बाजारों से 75 या 70 से ज़्यादा बुकिंग करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम भारत में बैठकर डायनेमिक प्राइसिंग डिजाइन कर सकते हैं और होटल में आने से पहले ही इसका बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही जगहों का मिलान करने, डायनेमिक प्राइसिंग को बढ़ावा देने में बहुत ज्यादा डेटा साइंस और AI का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आप में कई अरबों डॉलर का उद्योग है। लेकिन कुछ बड़े हैं, जो प्री-चेकिंग है, जिस पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

ओयो के सीईओ ने कहा कि आखिरकार, हम फ्रंट ऑफिस से शुरुआत करके यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको सिर्फ़ फ्रंट ऑफिस, चेकिंग करने के लिए किसी इंसान की ज़रूरत न पड़े, आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जो सिर्फ़ आपकी सेवा कर सके, लेकिन कमरे में अनुभव और लागत में कमी लाने के लिए सभी प्रयास मशीन के ज़रिए किए जा सकते हैं।

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OYO कर रहा प्री-चेकिंग प्रक्रिया में AI के इस्तेमाल पर फोकस, जानें CEO ने और क्या कहा – India TV Hindi