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फोटो संख्या:75- बाघोत के बागेश्वर धाम पर स्थित शिवलिंग-संवाद
इंद्रजीत शर्मा
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कनीना। गांव बाघोत के बाघेश्वर धाम स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर अपने आप में इतिहास समेटे है। यहां प्राचीन शिवलिंग भगवान राम के पूर्वजों के समय से विराजमान बताया जा रहा है। महंत रोशन पुरी ने बताया कि बाघोत का मंदिर करीब 1687 वर्ष पुराना है। इस शिवालय के पास खड़े कदंब के पेड़, तालाब एवं स्वयंभू शिव लिंग ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम के पूर्वजों ने भी यहां तप किया था। वर्ष में दो बार मेला लगता है। तत्कालीन समय में राजा दलीप को भगवान शिव ने बाघ के रूप में दर्शन दिए थे, जिसके चलते गांव का मंदिर बाघेश्वर धाम के नाम से भी प्रसिद्ध है। हाल ही में सवा 12 किलोग्राम चांदी से गर्भ ग्रह की जलेरी बनाई गई है।
बताया जाता है कि शिवालय का निर्माण कणाणा के राजा कल्याण सिंह ने करवाया था। महाशिवरात्रि के पर्व पर धाम पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाएगा। भगवान शिव अराधना के लिए धार्मिक दृष्टि से विशेष माने जाने वाली महाशिवरात्रि पर्व पर कावड़ियों की धूम रहेगी। यह मंदिर कनीना से दादरी की तरफ जाने वाले रोड पर स्थित है।
बाघेश्वर धाम के महंत रोशन पुरी ने बताया कि क्षेत्र के तकरीबन 1200 कावड यात्राएं इस वर्ष यहां पर आएंगी। मंदिर में सेवा करने वाले सेवादारों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों की संख्या में हरियाणा ही नहीं पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड सहित देशभर के सभी राज्यों से लोग यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं।
महंत रोशन पुरी ने बताया कि जब वह 12 वर्ष के थे तब से ही यहां पर सेवा कर रहे हैं। उनके गुरु के बाद 1994 में उन्होंने इस धाम पर पूजा करना शुरू किया था। इनसे पहले महंत बूटी पूरी, महंत शंकरपुरी ने यहां पर पूजा की है। बूटी पूरी महंत धनौंदा के राजकीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे। हर सोमवार विशेष दिन समय समय पर सत्संग भजन होते रहते हैं।
फोटो संख्या:75- बाघोत के बागेश्वर धाम पर स्थित शिवलिंग-संवाद
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Mahendragarh-Narnaul News: प्राचीन इतिहास समेटे है बाघेश्वर धाम बाघोत का प्राचीन शिव मंदिर