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इंडियाज गॉट लेटेंट केस में आज महाराष्ट्र साइबर सेल ने फिर से आशीष चंचलानी और रणवीर अलाहबादिया को समन भेजा। उन्होंने दोनों को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कहा। इस मामले में आशीष चंचलानी ने अपना बयान दर्ज कराया।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आशीष चंचलानी चार घंटे बाद महाराष्ट्र साइबर ऑफिस से अपना बयान दर्ज कराने के बाद निकले।
खबर थी कि दोनों ने खुद महाराष्ट्र साइबर सेल से कॉन्टैक्ट किया था। आशीष और रणवीर अपना बयान दर्ज कराना चाहते थे।
इससे पहले पेरेंट्स पर अश्लील टिप्पणी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अलाहबादिया को जमकर फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि आपके कमेंट की भाषा विकृत और दिमाग गंदा है। इससे अभिभावक ही नहीं, बेटियां और बहनें भी शर्मसार हुईं।
21 फरवरी को यूट्यूबर आशीष की अपील पर सुनवाई हुई
इस मामले में असम पुलिस ने रणवीर अलाहबादिया और आशीष चंचलानी को भी नोटिस भेजा था। जिसके बाद 21 फरवरी को यूट्यूबर आशीष चंचलानी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी करते हुए उसे रणवीर अलाहबादिया की याचिका के साथ जोड़ दिया। अब दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी।
साथ ही कोर्ट ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी की याचिका पर महाराष्ट्र और असम सरकार से जवाब भी मांगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई शुरू होने पर आशीष चंचलानी के वकील से कहा कि उन्हें इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

आशीष चंचलानी का यूट्यूब चैनल आशीष चंचलानी वाइन्स है। साल 2018 में यूट्यूबर को दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
दरअसल, आशीष चंचलानी ने अपने खिलाफ असम के गुवाहाटी में दर्ज FIR को रद्द करने या मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की थी। 12 फरवरी को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने आशीष चंचलानी को अग्रिम जमानत देते हुए दस दिन के अंदर जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा था- अब इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं होगा
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह ने कहा था कि अलाहबादिया के खिलाफ कई FIR दर्ज की गई हैं, लेकिन अब उनके खिलाफ इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा।
रणवीर अलाहबादिया पर आरोप था कि उन्होंने समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किए थे। इसके बाद उनके ऊपर महाराष्ट्र, असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गई थी। रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में 3 बातें कही थीं। पहली- देशभर में दर्ज FIR पर एक जगह सुनवाई। दूसरा- गिरफ्तारी से राहत मिले। तीसरी बात यह थी कि उन्हें धमकाया जा रहा है।
कोर्ट ने केंद्र से पूछा- आप कुछ करिए, वरना हम करेंगे
बेंच ने कोर्ट में मौजूद अटॉर्नी सॉलिसिटर जनरल से कहा था, “ऐसे यू-ट्यूबर्स के मामले सामने आ रहे हैं, क्या केंद्र सरकार कुछ करना चाहती है। अगर वे खुद ही कुछ करते हैं तो बहुत अच्छी बात है, वरना हम यहां गैप नहीं छोड़ सकते। सो-कॉल्ड यूट्यूब चैनल इसका दुरुपयोग कर रहे हैं और तमाम चीजें सामने आ रही हैं, इसलिए हमने नोटिस इश्यू किया है।
हम अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दे रहे हैं। हम इस मामले की अहमियत और संवेदनशीलता को अनदेखा नहीं कर सकते।”

सुप्रीम कोर्ट में दलीलें-कमेंट्स
बेंच ने अलाहबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ से पूछा था-

आप किस तरह की भाषा का बचाव कर रहे हैं? ऐसे बयान से मुझे नफरत है। यहां सवाल यह है कि क्या ऐसा कमेंट कोई अपराध है। अगर यह अश्लीलता नहीं है तो फिर अश्लीलता क्या है?
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनके दिमाग में कुछ बहुत गंदा है, जो वो प्रोग्राम में उगल रहे हैं, वो अभिभावकों की बेइज्जती कर रहे हैं। अदालत अलाहबादिया का बचाव क्यों करे?”
अलाहबादिया के वकील चंद्रचूड़ ने कहा कि क्लाइंट को धमकियां दी जा रही हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- अगर आप ऐसी चीजें करके घटिया पब्लिसिटी पाने की कोशिश कर सकते हैं तो दूसरे भी हैं, जो आपको धमकाकर चीप पब्लिसिटी पाने की कोशिश करेंगे।
जस्टिस सूर्यकांत बोले-

जिन शब्दों का इस्तेमाल आपने किया, उससे अभिभावक शर्मसार हुए। बहनें और बेटियां शर्म महसूस करेंगी, पूरा समाज शर्मसार होगा। यह दिखाता है कि दिमाग विकृत है।
चंद्रचूड़ ने कहा कि पुलिस स्टेशन जाने पर भी भीड़ ने धक्का-मुक्की की। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वकील पुलिस स्टेशन क्यों जा रहा है? किस कानून के तहत आप पुलिस स्टेशन गए। सिर्फ इसलिए कि आप उन्हें पैसा दे सकते हैं और आप ये सेवाएं भी देने लगेंगे। आप अपनी यूनिफॉर्म का भी अपमान कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जिस ऑस्ट्रेलियन शो से अश्लील कमेंट कॉपी किया गया है, उस प्रोग्राम से भी कोर्ट वाकिफ है। ये भी कहा कि इस तरह के एडल्ट कंटेंट से जुड़े भी कई शोज हैं, लेकिन उनमें पूरी सावधानी बरती जाती है। इस पर रणवीर अलाहबादिया के वकील ने कहा कि ये एपिसोड भी सब्सक्रिप्शन बेस्ड था। लेकिन विवाद तब हुआ जब किसी सब्सक्राइबर ने पेड 45 मिनट के वीडियो से 10 सेकेंड का क्लिप निकालकर उसे यूट्यूब पर पोस्ट कर दिया।
रणवीर ने SC में 14 फरवरी को दायर की थी याचिका
दरअसल, रणवीर अलाहबादिया के अश्लील कमेंट को लेकर देशभर में कई FIR दर्ज हुई थीं। इसके खिलाफ यूट्यूबर ने सुप्रीम कोर्ट में 14 फरवरी को याचिका दायर की थी। तब कोर्ट ने कहा था कि एक-दो दिन में उनकी याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
अलाहबादिया की तरफ से वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अपने मुवक्किल की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी, क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को समन भेजा था।
जानें क्या है पूरा मामला?
‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना का शो है, जिस पर विवाद हो रहा है। यह एपिसोड 8 फरवरी को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। इस शो में बोल्ड कॉमेडी कंटेंट होता है। इस शो के दुनियाभर में 73 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। इस शो में पेरेंट्स और महिलाओं को लेकर ऐसी बातें कही गईं, जिनका जिक्र दैनिक भास्कर यहां नहीं कर सकता है।

समय रैना के शो के हर एपिसोड को यूट्यूब पर औसतन 20 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिलते हैं।
समय रैना के इस शो के हर एपिसोड को यूट्यूब पर औसतन 20 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिलते हैं। समय को छोड़कर इस शो के हर एपिसोड में जज बदलते रहते हैं। हर एपिसोड में नए कंटेस्टेंट को परफॉर्म करने का मौका मिलता है। कंटेस्टेंट को अपना टैलेंट दिखाने के लिए 90 सेकेंड दिया जाता है।
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चार घंटे बाद महाराष्ट्र साइबर ऑफिस से निकले यूट्यूबर चंचलानी: इंडियाज गॉट लेटेंट केस में बयान दर्ज कराने के लिए खुद अधिकारियों से कॉन्टैक्ट किया