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सेक्टर 53 व 54 की फर्नीचर मार्केट।
चंडीगढ़ सेक्टर-53 व 54 में स्थित फर्नीचर मार्केट और धनास की मार्बल मार्केट को सेक्टर-56 में शिफ्ट किया जाएगा। प्रशासन ने इन दोनों मार्केट्स को हटाने का फैसला पहले ही कर लिया था, लेकिन राजनीतिक दबाव और अन्य कारणों से यह कदम टलता रहा। अब प्रशासक गुलाब
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हालांकि, दुकानदारों को पुनर्वास योजना के तहत जगह नहीं मिलेगी, बल्कि चंडीगढ़ प्रशासन खुद एक नई मार्केट बनाएगा, जहां दुकानदार अपनी जरूरत के हिसाब से शोरूम या दुकान खरीद सकेंगे।
यह जगह उन्हें नीलामी (बोली लगाने) के जरिए दी जाएगी और यह जमीन किराए पर (लीज़ होल्ड) होगी, यानी दुकानदार इसे हमेशा के लिए नहीं खरीद सकेंगे, बल्कि एक निश्चित समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने सेक्टर-53 में कर्मचारियों को तीन कमरों के फ्लैट की कीमत 2 करोड़ और दो कमरों के फ्लैट की कीमत 1.5 करोड़ रुपए तय की है।
44 एकड़ जमीन में बनेगी नई मार्केट
सेक्टर-56 में 44 एकड़ जमीन में नई मार्केट में एक कनाल के 191 प्लॉट बनेंगे, जहां बेसमेंट सहित शोरूम बनाए जाएंगे। इसके अलावा छोटे दुकानदारों के लिए बूथ भी उपलब्ध होंगे।
हाईकोर्ट ने दिए थे हटाने के आदेश
हाईकोर्ट पहले ही इन मार्केट्स को अवैध घोषित कर चुका है और उन्हें हटाने के आदेश जारी कर चुका है। प्रशासन ने अब जून माह में ई-नीलामी की योजना बना ली है, जिसमें मार्बल और फर्नीचर के अलावा अन्य कारोबारी भी भाग ले सकेंगे।
दुकानदारों व प्रशासक की मुलाकात
चंडीगढ़ डीसी के 23 जनवरी को मार्केट खाली कराने के आदेश के बाद, फर्नीचर मार्केट के प्रतिनिधिमंडल प्रधान संजीव की सहित 25 जनवरी को भाजपा नेता संजय टंडन की अगुआई में प्रशासक से मुलाकात की थी।
दुकानदारों ने नई जगह पर शिफ्ट करने की मांग रखी, लेकिन प्रशासन ने मार्केट रेट पर जमीन देने का प्रस्ताव रखा, जिससे दुकानदार असंतुष्ट थे। इसके बाद, प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने डीसी को बुलाकर इस पर चर्चा की और साफ कर दिया कि फर्नीचर मार्केट को हर हाल में खाली करना होगा, क्योंकि इस जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। यहां सेक्टर-53 और 54 के दूसरे चरण का निर्माण किया जाना है।
फर्नीचर मार्केट के प्रधान ने उठाए सवाल
फर्नीचर मार्केट के प्रधान संजीव ने बताया कि पिछले माह उनकी चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें कहा गया था कि जल्द ही कोई फैसला सुनाया जाएगा, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि वो कई सालों से यहां कारोबार कर रहे हैं और यहीं से उनके घर का गुजारा चलता है। ऐसे में अचानक मार्केट को शिफ्ट करने का फैसला दुकानदारों के लिए भारी नुकसानदायक साबित होगा।
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हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत
फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों ने दोबारा डीसी से मुलाकात कर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। इससे पहले भी 29 जून 2024 को प्रशासन ने मार्केट हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई थी।
9 जनवरी को नए आदेश जारी हुए, जिसमें 15 दिनों के भीतर यानी 24 जनवरी तक मार्केट खाली करने के निर्देश थे। हाईकोर्ट ने भी दुकानदारों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है।
मार्बल मार्केट भी होगी शिफ्ट
धनास में करीब 200 एकड़ जमीन पर बनी मार्बल मार्केट भी प्रशासन के निशाने पर है। इसे भी शिफ्ट किया जाएगा ताकि शहर के विकास कार्यों के लिए इस जमीन का उपयोग हो सके।
फर्नीचर मार्केट में करीब 150 दुकानदार काम कर रहे हैं, जबकि मार्बल मार्केट में 100 से ज्यादा कारोबारी हैं। यहां पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से ग्राहक खरीदारी करने आते हैं और हर महीने 300 से 500 करोड़ रुपए का व्यापार होता है।
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चंडीगढ़ का फर्नीचर-मार्बल मार्केट होगा शिफ्ट: 250 साइट्स की होगी ई-नीलामी; 44 एकड़ में बनेगा नया मार्केट; हाईकोर्ट ने दिए थे हटाने के आदेश – Chandigarh News