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भारत के 250 अरब अमेरिकी डॉलर के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर में चालू वित्त वर्ष में वेतनवृद्धि पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी सेक्टर को इस समय वैश्विक अनिश्चितताओं, बदलते कौशल की बढ़ती मांग तथा कृत्रिम मेधा (AI) की बढ़ती स्वीकार्यता जैसी अनिश्चितताओं से जूझना पड़ रहा है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में औसत वेतन वृद्धि 4-8.5 प्रतिशत होगी, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय कमी है। टीमलीज़ डिजिटल की उपाध्यक्ष कृष्णा विज ने कहा कि इस साल वेतन वृद्धि का दृष्टिकोण काफी सतर्क है। कंपनियां चार प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत की सीमा में वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। यह कमी काफी हद तक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, विवेकाधीन खर्च में कमी और व्यावसायिक प्राथमिकताओं में बदलाव के कारण है।
कई कंपनियों ने इंक्रीमेंट को आगे बढ़ाया
उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने वेतन बजट के साथ अधिक रुढ़िवादी हो रही हैं, और कई ने तो अपने इंक्रीमेंट साइकल को सामान्य अप्रैल-जून से भी आगे बढ़ा दिया है। विज ने कहा कि संगठन लागत दक्षता के लिए दूसरी श्रेणी की भर्ती का लाभ उठाते हुए कौशल-आधारित वेतन की ओर बढ़ रहे हैं। वेतन वृद्धि के बजाय कंपनी में रुकने के लिए बोनस, ईएसओपी और परियोजना-आधारित प्रोत्साहन को मुआवज़ा रणनीतियों के रूप में लागू किया जा रहा है। रीड एंड विलो की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) जानू मोतियानी ने भी इसी तरह की अपेक्षित वृद्धि सीमा बताई। उन्होंने कहा कि वेतन वृद्धि पांच से 8.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। उन्होंने कहा कि दो अंक में वेतन में बढ़ोतरी के दिन अब पीछे रहे गए है, कम-से-कम फिलहाल ऐसी ही स्थिति है। यह क्षेत्र में सतर्क स्थिति को दर्शाता है।
कई कंपनियों ने अभी इंक्रीमेंट नहीं किया
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने वित्त वर्ष के लिए चार से आठ प्रतिशत की वेतन वृद्धि की है। वेतन वृद्धि की घोषणा करने में यह सबसे आगे रही है। हालांकि, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, विप्रो और टेक महिंद्रा ने अभी वेतन वृद्धि के बारे में अंतिम घोषणा नहीं की हैं। उन्होंने कहा कि संभवत: ये कंपनियां अंतिम घोषणा से पहले दूसरी तिमाही में बाजार की चाल को देखना चाहती हैं। मोतियानी ने कहा कि पेशेवरों की कंपनी छोड़ने की दर में कमी आई है। इसके चलते कंपनियों के लिए आक्रामक पेशकश या ‘रिटेंशन बोनस’ की उनकी जरूरत नहीं रह गई है। इससे वित्तीय मोर्चे पर कंपनियों को अधिक लचीलापन मिला है। मोतियानी ने कहा कि 2024 में कंपनी छोड़ने का उद्योग-व्यापी औसत 17.7 प्रतिशत रहा है, जो इससे पिछले वर्ष के 18.3 प्रतिशत से कम है। विभिन्न स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि में काफी अंतर रहने की उम्मीद है।
एडेको इंडिया का अनुमान है कि वेतन वृद्धि छह से 10 प्रतिशत रहेगी। कंपनी ने कहा कि मध्यम से वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों, मांग वाले कौशल विशेष रूप से एआई से संबंधित कौशल वाले कर्मियों के वेतन में अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। एडेको का अनुमान है कि फ्रेशर्स यानी नए कर्मचारियों के वेतन में दो से चार प्रतिशत की वेतन वृद्धि होगी।
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इस बड़े सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, पिछले साल से 2025 में कम बढ़ेगी सैलरी – India TV Hindi