ख़बर सुनें
पानीपत। 80 किलो ग्राम भार वर्ग के विश्व विजेता पहलवान सागर जागलान ने खेलो इंडिया में भी गोल्ड मेडल जीता है। सेमीफाइनल में दिल्ली की टीम को उन्होंने 10-0 से हराया। फाइनल में सागर ने यूपी के पहलवान को हरा दिया। उन्होंने खेलो इंडिया में प्रदेश की झोली में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया। सागर ने 2021 में हंगरी में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी।
10 वर्ष की आयु से खेलना किया शुरू
सात साल पहले 10 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था। सागर के पिता मुकेश का कहना है कि उन्हें उस समय यह भी नहीं पता था कि सागर इस खेल में कहां तक जाएंगे। खेल शुरू करने के एक साल बाद ही जिला स्तरीय में स्पर्धा में पहला गोल्ड मेडल जीता था। वहीं पहला नेशनल पदक स्कूली नेशनल में गोल्ड आया था। नेशनल में सात मेडल और राज्य स्तर पर 14 मेडल जीत चुके हैं। खरखौदा के अश्विनी रेसलिंग अकादमी में अभ्यास करते हैं। खेलो इंडिया के लिए पंचकूला कैंप में अभ्यास किया था। माता-पिता ने गांव में पड़ोसियों को मिठाई बांटकर खुशी मनाई। देर रात तक सागर अपने घर आएंगे।
पानीपत। 80 किलो ग्राम भार वर्ग के विश्व विजेता पहलवान सागर जागलान ने खेलो इंडिया में भी गोल्ड मेडल जीता है। सेमीफाइनल में दिल्ली की टीम को उन्होंने 10-0 से हराया। फाइनल में सागर ने यूपी के पहलवान को हरा दिया। उन्होंने खेलो इंडिया में प्रदेश की झोली में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया। सागर ने 2021 में हंगरी में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी।
10 वर्ष की आयु से खेलना किया शुरू
सात साल पहले 10 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था। सागर के पिता मुकेश का कहना है कि उन्हें उस समय यह भी नहीं पता था कि सागर इस खेल में कहां तक जाएंगे। खेल शुरू करने के एक साल बाद ही जिला स्तरीय में स्पर्धा में पहला गोल्ड मेडल जीता था। वहीं पहला नेशनल पदक स्कूली नेशनल में गोल्ड आया था। नेशनल में सात मेडल और राज्य स्तर पर 14 मेडल जीत चुके हैं। खरखौदा के अश्विनी रेसलिंग अकादमी में अभ्यास करते हैं। खेलो इंडिया के लिए पंचकूला कैंप में अभ्यास किया था। माता-पिता ने गांव में पड़ोसियों को मिठाई बांटकर खुशी मनाई। देर रात तक सागर अपने घर आएंगे।
.