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सूरत के सीके पीठावाला स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान इतिहास रच दिया गया। मेघालय की ओर से खेलते हुए 25 वर्षीय आकाश चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 11 गेंदों पर नाबाद 50 रन बनाए और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए।
तेज गेंदबाज रहे आकाश ने 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 8 बॉल पर लगातार 8 सिक्स लगा दिए। आकाश चौधरी की इस उपलब्धि पर दैनिक भास्कर ने उनसे बातचीत की। आकाश ने इस मुकाम तक पहुंचने के संघर्ष के बारे में बताया।

मैं आमतौर पर तेज गेंदबाज हूं- आकाश एक साधारण परिवार से होने के बावजूद आकाश ने अपने सपने को जिंदा रखा। उन्होंने कहा, मेहनत तो पहले से ही चल रही थी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि अचानक से मैं रिकॉर्ड बना लूंगा। क्योंकि मैं आमतौर पर तेज गेंदबाज हूं। मुझे बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिलता। इस मैच में मुझे बल्लेबाजी का अच्छा मौका मिला। ओवर भी कम थे। इसे महादेव की कृपा ही कह सकते हैं कि उस समय मेरी बल्लेबाजी टीम के लिए काम आई।
तीसरा सिक्स लगाने के बाद, 6 सिक्स लगाने का फैसला किया उस समय हमारी टीम बहुत अच्छी स्थिति में थी। इसलिए हमारा प्लान जल्द से जल्द टीम के लिए रन बनाने का था। मेरा इरादा कम गेंदों में ज्यादा से ज्यादा रन बनाने का था। पहले दो छक्के लग गए। इसके बाद मैने तीसरे सिक्स जमाया, तो मेरे मन में आया कि अब मुझे छह छक्के लगाने की कोशिश करना चाहिए। हालांकि, सातवें और आठवें सिक्स के बारे में मैने नहीं सोचा था।
मेरा माइंडसेट अच्छा था और मैं मैच को एन्जॉय कर रहा था जब कोई तेज गेंदबाज बल्लेबाजी करने मैदान में उतरता है और सामने भी एक तेज गेंदबाज होता है, तो उस समय उनके दिमाग में क्या चल रहा होता है। इस बारे में आकाश ने कहा- उस समय मेरा माइंडसेट बहुत रिलैक्स था, क्योंकि पिछले मैच में भी बिहार के खिलाफ मेरी बल्लेबाजी अच्छी थी। उसमें भी मैंने चार छक्के लगाए थे। इसलिए मेरा माइंडसेट अच्छा था। मैं इस मैच को भी एन्जॉय कर रहा था। किस्मत से मैं छह छक्के लगाने में सफल रहा।
‘मैं स्कूल क्रिकेट में खेलता था’ अपने संघर्ष के बारे में आकाश ने बताया- मैं स्कूल क्रिकेट से आया हूं। पहले मैं केवी केंद्रीय विद्यालय क्लस्टर, रीजनल खेलता था। शिलांग में जो इंटर-स्कूल होते हैं, वहां एसोसिएशन ने मेरा साथ दिया। वहां से मैं NCA (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) कैंप में गया। वहां से स्टेट खेला। फिर नॉर्थ-ईस्ट की टीम बनी तो अंडर-19 मे भी मैं शामिल रहा। इससे मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरी। क्योंकि मैच फीस आने लगी थी। मैं ये नहीं कहूंगा कि मैंने कोई बहुत खतरनाक संघर्ष किया। क्योंकि थोड़ा बहुत संघर्ष तो हर किसी की जिंदगी में होता है।
पिताजी वेल्डिंग करते हैं और मां सिलाई अपनी ट्रेनिंग के बारे में आकाश ने बताया कि मैंने बचपन में कभी प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली। मैं टेनिस बॉल से खेलता था। मेरे पिता वेल्डिंग का काम करते हैं। मां सिलाई करती हैं तो यह सामान्य बात है कि ऐसी स्थिति में मैं प्रोफेशन ट्रेनिंग नहीं ले सकता था। हम तीन भाई-बहन हैं। मेरी एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। मेरी बड़ी बहन ने भी मेरे लिए बहुत मेहनत की है। मेरी मां भी घरखर्च के पैसों के लिए बहुत मेहनत करती थीं। तभी हमारे घर का खर्च चल पाता था।

मेरा लक्ष्य अपने 100 फर्स्ट क्लास विकेट पूरे करना है IPL और टीम इंडिया के लिए खेलने के अपने सपने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- एक तेज गेंदबाज के तौर पर सबसे पहले मुझे टीम को जिताना होगा। यह मेरे दिमाग में सबसे पहले है। मैं तेज गेंदबाजी में ही रहना चाहता हूं। अभी मेरा पहला लक्ष्य अपने 100 फर्स्ट क्लास विकेट पूरे करना है। इससे थोड़ा दूर हूं। पहला और अंतिम लक्ष्य भारत के लिए खेलना और आईपीएल खेलना है। क्योंकि आईपीएल का मंच मुझे वो सब कुछ दे सकता है जो मैं चाहता हूं।
फर्स्ट क्लास में सबसे तेज फिफ्टी आकाश चौधरी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे तेज फिफ्टी का रिकॉर्ड बनाया है। सबसे तेज फर्स्ट क्लास का रिकॉर्ड इंग्लिश काउंटी क्रिकेट टीम लीसेस्टरशायर के वेन नाइट के नाम था, जिन्होंने 2012 में 12 गेंदों में 50 रन बनाए थे। श्रीलंका के क्लाइव इनमैन ने 1965 में 13 गेंदों में अर्धशतक बनाया था। समय के लिहाज से यह दूसरा सबसे तेज अर्धशतक है। आकाश ने यह अर्धशतक 9 मिनट में पूरा किया, जबकि इनमैन ने सिर्फ 8 मिनट में 50 रन बनाए थे।
6 गेंदों पर 6 छक्के लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी आकाश फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लगातार छह गेंदों पर छह छक्के लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए। गैरी सोबर्स 1968 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले पहले खिलाड़ी थे।
उन्होंने ग्लेमोर्गन और नॉटिंघमशायर के बीच मैच में मैल्कम नैश द्वारा फेंके गए एक ओवर में यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद रवि शास्त्री ने 1984-85 में यह उपलब्धि हासिल की। 25 वर्षीय आकाश कुमार 2019 से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं। अब तक उन्होंने 30 मैचों में 14.37 की औसत से 503 रन बनाए हैं ।

स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में युवराज सिंह ने 6 छक्के लगाए थे 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ युवराज सिंह ने 6 छक्के लगाए थे। उन्होंने एंड्रयू फ्लिंटॉफ से बहस के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर की लगातार 6 बॉल पर 6 छक्के जड़े थे।

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8 बॉल पर 8 सिक्स लगाने वाले आकाश की कहानी: कहा- सोचा नहीं था कि रिकॉर्ड बना लूंगा, कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली