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दरअसल, भिवानी की मनीषा केस में 13 अगस्त के बाद से ही बवाल हो रहा है. प्रदेश में जगह जगह अब रोष प्रदर्शन शुरू हो गया है और बेटी को न्याय दिलाने की मांग पर लोग कैंडल मार्च निकाल रहे हैं. ऐसे में हम आपको पूरे सात दिन की कहानी बताने जा रहे हैं.
इस पूरी कहानी की शुरुआत वैसे तो 11 अगस्त को हुई थी. लेकिन 13 अगस्त को लापता मनीषा का शव लौहारू के सिंघानी गांव में नहर के पास खेत में मिला था. उसके गले पर काटने के निशान थे. इस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया और कहा गया कि गला काटकर हत्या की गई है. इस पर परिजन भड़क गए. क्योंकि 11 अगस्त को जब मनीषा लापता हुई थी तो परिजनों ने पुलिस को शिकायत दी थी. लेकिन पुलिस ने कहा कि वह भाग गई होगी और शादी करके लौट आएगी. 12 अगस्त की शाम को मामला दर्ज किया गया.
14 अगस्त को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया और कहा कि जब तक आरोपी नहीं पकड़े जाते तब तक शव नहीं लिया जाएगा. इस पर फिर अस्पताल के बार धरना प्रदर्शन शुरू और बाद में ढिंगावा मंडी में धरने पर परिजन और ग्रामीण बैठ गए. बाद में 15 अगस्त को नायब सैनी सरकार ने लापरवाही पर एसपी मनबीर सिंह को हटा दिया और लौहारू पुलिस चौकी के एसएचओ सहित पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. गौर रहे कि इस पूरे प्रकरण में तीन बार युवती के शव का पोस्टमार्टम किया गया है. पीजीआई रोहतक के डॉक्टर कुंदन सिंह ने कहा कि मनीषा के साथ कोई रेप नहीं हुआ है. घुटनों पर दो छोटे छोटे निशान मिले हैं. शरीर के अंग के टुकड़ों की जांच की गई है और गर्दन पर जानवर ने काटा है. उन्होंने कहा कि तेजधार हथियार से काटने से अलग तरह के निशान होते हैं.
ढाणी लक्ष्मण निवासी शिक्षिका मनीषा की मौत प्रकरण में लगातार धरना प्रदर्शन होते रहे. परिजन और ग्रामीणों ने लगातार हाईवे जाम किए. 18 अगस्त को मामले में बड़ा खुलासा हुआ और अचानक पुलिस ने दावा किया कि सुसाइड नोट बैग से मिला है और मनीषा ने जिस दुकान से कीटनशक खरीदा था, वहां से भी पुष्टि हुई है. उधर, पीजीआई में फिर से पोस्माटर्म में जहर की पुष्टि हुई तो ढिगावा मंडी के रेस्ट हाउस में ग्रामीणों की मौजूदगी में धरना कमेटी के सदस्यों और पीड़ित परिवार के बीच रात साढ़े 12 तक बैठक चली. अब बेटी का अंतिम संस्कार हो सकता है.
13 अगस्त को 18 साल की प्ले वे टीचर मनीषा का शव मिला था. लेकिन पुलिस ने शव मिलने के बाद ही पुलिस ने सीसीटीवी क्यों नहीं खंगाले?
अगर युवती ने जहरीला पदार्थ निगला था तो उसकी दुर्गंध से मौके से ही पता चल जाता है और छह सात दिन बाद यह बात कहां से आई? अहम बात है कि पहले दो बार किए गए पोस्मार्टम में जहर खाने की बात क्यों नहीं पता चली?
युवती के शव को जानवरों ने नोंचा था और गले पर 29 एमएम का गहरा घाव था…क्या इतना बड़ा जख्म काटने से बन सकता है, यदि जानवरों ने खाया भी तो शरीर के दूसरे हिस्से को कैसे जानवरों से बच गया. साथ ही जहरीले पदार्थ का उन पर असर नहीं हुआ? अहम बात है कि पुलिस को शव के पास से कीटनाशक की शीशी क्यों नहीं मिली?
युवती ने कहां पर जहर निगला और फिर स्कूल और दुकान से करीब दो किलोमीटर दूर खेतों में कैसे पहुंची? क्या किसी ने इस बीच उसे नहीं देखा?
मनीषा के पिता ने बयान दिए थे कि 11 अगस्त को शाम को साढ़े 6 बजे के करीब बेटी के फोन से कॉल आई थी. लेकिन जल्दी कॉल कट गई. फिर फोन बंद हो गया. रात को 12 बजे फिर मिस कॉल आई. ऐसे में यदि मनीषा की मौत हो चुकी थी तो फिर मिस कॉल किसने की और बेटी का फोन अब तक कहां है?
मनीषा को ऐसी क्या परेशानी थी कि उसने अपनी जान दे दी, क्योंकि परिजनों ने परेशानी या मानसिक तनाव को लेकर कुछ नहीं कहा? इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से पुलिस क्यों बच रही है?
इस मामले में मंगलवार को आईजी वाई पूर्ण ने कुछ सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि जहर का असर शरीर खाने वाले जानवरा पर क्यों नहीं हुआ, इस पर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने भी बताया कि जहर शरीर के पूरे हिस्सों में नहीं जाता है. पेट में कुछ हिस्सों में गया था. वहीं, पहले दिन से नोट मिलने के बात पर उन्होंने कहा कि क्योंकि मामले की जांच चल रही थी. इसलिए यह जानकारी शेयर नहीं की गई. आईजी ने कहा कि बेटी ने क्यों जान दी, इसकी जांच चल रही है, लेकिन सुसाइड नोट में सब क्लीयर है.
पुलिस ने दावा किया कि नोट में मनीषा ने लिखा है कि मैं मेरी वजह से आप दोनों को प्राब्लम में नहीं देख सकती. आप दोनों ने मेरी खातिर बहुत कुछ किया है और वैसे भी मेरे से सब दुखी थे. मैं सबकी बातें, जमाने की बातें, सोचती हूं और फिर भी दुखी हो रही हूं. ना मैं गलत थी और ना मैंने कुछ गलत काम किया. बस मैं पेरेंट्स का ड्रीम पूरा करना चाहती थी. मैं बीएससी नर्सिंग कर रही थी क्योंकि एनओआरसीईटी क्रैक किया था और एक नर्सिंग आफिसर बनकर मम्मी पापा का सपना पूरा करना चाहती थी. लेकिन मैं आप दोनों पर बोझ नहीं बन सकती. आइ एम सारी मम्मी पापा, मैंने कभी आप दोनों को हर्ट किया हो तो. और आप दुनिया के सबसे अच्छे माता-पिता हो. थैंक्यू, मुझे ये जिंदगी देने के लिए मम्मी और पापा. मैं आभारी हूं कि आपने मुझे एक राजकुमारी की तरह पाला. कोई हो तो प्लीज मेरे पेरेंट्स का ख्याल रखना. नोट की पुष्टि भिवानी पुलिस ने की है.
इस पूरे मामले को लेकर एसपी भिवानी सुमित सिंह ने कहा कि भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है. पुलिस ने बताया है कि रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कहा है कि मौत कीटनाशक की वजह से हुई. मनीषा की बॉडी में कीटनाशक मिला है. उसने कीड़े मारने वाली दवा का सेवन किया था. SP सुमित कुमार ने बताया- हमें मनीषा की मेडिकल रिपोर्ट मिल गई है. मनीषा की बॉडी से किसी तरह का सीमन नहीं मिला. इससे पता चलता है कि उसके साथ रेप जैसी कोई ज्यादती नहीं हुई. मनीषा के चेहरे पर किसी तरह का एसिड या केमिकल नहीं मिला है. शव की आंख और गर्दन को जानवरों ने नोचा था. मनीषा के नोट की हैंडराइटिंग भी मैच हो गई है.
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