ख़बर सुनें
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10वीं की परीक्षा में इस बार महज 67.48 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास हुए हैं। विद्यार्थियों का प्रदर्शन इस बार भी ऐसा रहा कि प्रदेश में टॉप-3 में करनाल का नाम नहीं आया। भिवानी बोर्ड ने शुक्रवार शाम पांच बजे कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया। जिससे किसी के चेहरे खिले तो किसी को मायूसी हाथ लगी।
बोर्ड की ओर से जारी परिणाम के अनुसार जिले के 779 राजकीय और 250 से ज्यादा निजी स्कूलों के कुल 18477 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, इनमें से 12469 विद्यार्थी पास हुए हैं। जबकि 1144 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट और 4864 विद्यार्थी फेल हो गए। यानी जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने की अभी बहुत जरूरत है।
बोर्ड की ओर से 17 जून को परिणाम जारी करने की पहले से ही सूचना थी। ऐसे में स्कूल और विद्यार्थी सुबह से ही परिणाम का इंतजार करने लगे। शाम पांच बजे बोर्ड की ओर से परिणाम जारी किया गया। इसके बाद वेबसाइट पर परिणाम देखने की होड़ लग गई। सर्वर डाउन होने के कारण कई विद्यार्थी रात तक वेबसाइट पर टकटकी लगाए बैठे रहे।
कहीं खिले चेहरे, कोई हुआ मायूस
जिले का ओवरऑल परिणाम 67.48 प्रतिशत रहा है। ऐसे में 32.52 प्रतिशत बच्चों और इनके अभिभावकों को इस असंतोषजनक परिणाम से निराशा हाथ लगी है। 1144 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट और 4864 विद्यार्थी फेल हुए हैं। देर शाम जारी हुए परिणाम से ज्यादातर बच्चों के चेहरे मायूस नजर आए। वहीं जिन्होंने अच्छा स्कोर किया है, उनके घर और स्कूलों में खुशी का माहौल है।
2016 के बाद प्रदेश स्तर पर नहीं चमका नाम
दसवीं कक्षा के परिणाम में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन प्रदेश स्तर पर पिछले छह साल से किसी भी विद्यार्थी ने खास प्रदर्शन नहीं किया है। इस बार टॉप तीन में करनाल का विद्यार्थी आने की आस थी, लेकिन वह भी अधूरी रह गई। 2016 में ही करनाल का विद्यार्थी प्रदेश के टॉप-3 में आया था। हालांकि इस बार 12वीं के परीक्षा परिणाम में आठ साल बाद करनाल की बेटी ने कला संकाय में जरूर तीसरा स्थान प्राप्त किया।
बोर्ड का परीक्षा परिणाम 67.48 प्रतिशत रहा है। पहले से परिणाम सुधरा है, लेकिन अभी और परिणाम सुधारने के लिए हमें काम करना होगा। विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी और मेहनत करनी होगी। जो विद्यार्थी असफल रहे हैं, वे और मेहनत करके आगे बढ़ें।
– राजपाल चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10वीं की परीक्षा में इस बार महज 67.48 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास हुए हैं। विद्यार्थियों का प्रदर्शन इस बार भी ऐसा रहा कि प्रदेश में टॉप-3 में करनाल का नाम नहीं आया। भिवानी बोर्ड ने शुक्रवार शाम पांच बजे कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया। जिससे किसी के चेहरे खिले तो किसी को मायूसी हाथ लगी।
बोर्ड की ओर से जारी परिणाम के अनुसार जिले के 779 राजकीय और 250 से ज्यादा निजी स्कूलों के कुल 18477 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, इनमें से 12469 विद्यार्थी पास हुए हैं। जबकि 1144 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट और 4864 विद्यार्थी फेल हो गए। यानी जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने की अभी बहुत जरूरत है।
बोर्ड की ओर से 17 जून को परिणाम जारी करने की पहले से ही सूचना थी। ऐसे में स्कूल और विद्यार्थी सुबह से ही परिणाम का इंतजार करने लगे। शाम पांच बजे बोर्ड की ओर से परिणाम जारी किया गया। इसके बाद वेबसाइट पर परिणाम देखने की होड़ लग गई। सर्वर डाउन होने के कारण कई विद्यार्थी रात तक वेबसाइट पर टकटकी लगाए बैठे रहे।
कहीं खिले चेहरे, कोई हुआ मायूस
जिले का ओवरऑल परिणाम 67.48 प्रतिशत रहा है। ऐसे में 32.52 प्रतिशत बच्चों और इनके अभिभावकों को इस असंतोषजनक परिणाम से निराशा हाथ लगी है। 1144 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट और 4864 विद्यार्थी फेल हुए हैं। देर शाम जारी हुए परिणाम से ज्यादातर बच्चों के चेहरे मायूस नजर आए। वहीं जिन्होंने अच्छा स्कोर किया है, उनके घर और स्कूलों में खुशी का माहौल है।
2016 के बाद प्रदेश स्तर पर नहीं चमका नाम
दसवीं कक्षा के परिणाम में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन प्रदेश स्तर पर पिछले छह साल से किसी भी विद्यार्थी ने खास प्रदर्शन नहीं किया है। इस बार टॉप तीन में करनाल का विद्यार्थी आने की आस थी, लेकिन वह भी अधूरी रह गई। 2016 में ही करनाल का विद्यार्थी प्रदेश के टॉप-3 में आया था। हालांकि इस बार 12वीं के परीक्षा परिणाम में आठ साल बाद करनाल की बेटी ने कला संकाय में जरूर तीसरा स्थान प्राप्त किया।
बोर्ड का परीक्षा परिणाम 67.48 प्रतिशत रहा है। पहले से परिणाम सुधरा है, लेकिन अभी और परिणाम सुधारने के लिए हमें काम करना होगा। विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी और मेहनत करनी होगी। जो विद्यार्थी असफल रहे हैं, वे और मेहनत करके आगे बढ़ें।
– राजपाल चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी
.